भविष्य…बिना शिक्षकों से जूझ रहा नारग स्कूल

हेमंत गर्ग- नैनाटिक्कर
शिमला संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा ढूंढे नहीं मिल रही है, क्योंकि यहां के लगभग सभी विद्यालयों में शिक्षक ही नहीं हैं। बता दें कि पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में अनेकों छोटे-बड़े स्कूल हैं जहां राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में प्रवक्ताओं के कई-कई पद रिक्त पड़े हैं। वहीं माध्यमिक विद्यालयों तथा प्राथमिक स्कूलों को एक-एक अध्यापक के हवाले सरकार ने छोड़ा हुआ है। इससे खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पच्छाद में शिक्षा का क्या स्तर होगा। परंतु राजनेता मात्र वोट बैंक की राजनीति करते हुए अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हैं, लेकिन उनका पच्छाद के सैकड़ों बच्चों के भविष्य की तरफ कोई ध्यान नहीं है। जी हां आज हम जिस विद्यालय की बात कर रहे हैं वह है राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नारग जहां एक या दो नहीं अपितु कुल नौ पद शिक्षकों के खाली पड़े हुए हैं। इस विद्यालय में विज्ञान संकाय के कई प्रवक्ताओं के पद खाली पड़े हैं।

जहां भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता का पद खाली है तो वहीं केमिस्ट्री तथा बायोलॉजी जैसे महत्त्वपूर्ण विषय के प्रवक्ताओं के पद भी लंबे अरसे से रिक्त पड़े हुए हैं। यही नहीं कम्प्यूटर के इस युग में आईटी के प्रवक्ता का पद भी विद्यालय में रिक्त पड़ा है, जबकि संगीत के प्रवक्ता सहित टीजीटी आट्र्स तथा पीईटी का पद भी नारग विद्यालय में खाली पड़ा है, जिस कारण यहां के विद्यार्थियों के भविष्य पर अंधकार के बादल छा गए हैं। स्कूल प्रधानाचार्य ने बताया कि विज्ञान संकाय के प्रवक्ताओं, सुपरिटेंडेंट तथा सीनियर असिस्टेंट सहित विद्यालय में कुल नौ पद रिक्त पड़े हुए हैं। वहीं अभिभावकों का कहना है कि जिस विद्यालय में अध्यापकों तथा प्रवक्ताओं के नौ पद रिक्त पड़े हों वहां पर बच्चों का क्या भविष्य बनेगा। अत: उन्हें अपने बच्चों को सोलन तथा अन्य दूरदराज के क्षेत्र में शिक्षा दिलवाने के लिए भेजना पड़ रहा है। जिस कारण उनकी आर्थिकी पर असर पड़ रहा है। वहीं अन्य कई परेशानियों से भी दो-चार होना पड़ रहा है। परंतु राजनेताओं द्वारा लगातार पिछले लंबे अरसे से क्षेत्रवासियों की शिक्षा संबंधी समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। अत: आने वाले इन लोकसभा चुनावों में निश्चित तौर पर शिक्षा का यह मुद्दा सर्वोपरि रहने वाला है जो कि नेताओं का कड़ा इम्तिहान लेगा। एचडीएम