बुरांस के फूलों से देवी-देवताओं ने हासिल की शक्तियां

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-कुल्लू
करीब तीन माह बाद मणिकर्ण घाटी में देवी-देवताओं ने अपने हरियानों को देवरथ में दर्शन दिए। बिरशु मेले में देवी-देवताओं ने रथ सजने के बाद बुरांस के फूलों से शक्ति अर्जित की। देवताओं और साठ देवकन्याओं का बुरांस के फूलों के साथ देव मिलन हुआ। देव गीतों के साथ बिरशु मेले पर घाटी के महिलाओं ने कुल्लवी नाटी भी डाली। मणिकर्ण घाटी में शनिवार को बिरशु मेले की धूम रही है। माता कैलाशना के सम्मान में डढ़ेई में हर्षोउल्लास से साथ बिरशु मेले मनाया। महिलाओं संग माता कैलाशना ने लालड़ी खेली। वहीं इससे पहले महिलाओं ने माता को धूप-फल देने की परंपरा को निभाया गया। तीन माह बाद घाटी के देवी-देवताओं द्वारा दिए गए दर्शन से लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला।

रंग-बिरंगे फूलों से सजे देवरथों को देखकर हर लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। ग्रामीण महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से देव देवताओं की पूजा-अर्चना कर रस्म को निभाया है। गौर हो कि मणिकर्ण घाटी के डढ़ेई गांव में देवता सुन नारायण, माता कैलाशना और देवता मकाल राजा तथा धारला में माता रूपासनाए बुहाड़ में देवता कालीनागए सिसू तथा जां में नमो नारायण के सम्मान में बिरशु मेलों का आयोजन किया। बिरशु मेला घाटी का प्रमुख त्यौहार है और शनिवार को घाटी में बिरशु को देव परंपरा अनुसार मनाया गया।