गोल्डन ड्राप से बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार

कार्यालय संवादाता-मंडी
स्वर्ण प्राशन गोल्डन ड्राप औषधि से बच्चों के स्वास्थ्य में बेहतरीन सुधार हो रहा है। जिसके चलते अभिभावक बच्चों को मंडी शहर में स्थित स्वामी पूर्णानंद मेमोरियल आयुर्वेदिक चिकित्सालय मंडी में स्वर्ण प्राशन गोल्डन ड्राप पिला रहे हैं। इसी कड़ी में स्वर्ण प्राशन गोल्डन ड्राप बुधवार को पुष्य नक्षत्र पर बच्चों को स्वर्ण प्रशान करवाया गया। इस दौरान करीब 150 से अधिक बच्चों को ड्राप्स पिलाई गई। इस बारे में स्वामी पूर्णानंद मेमोरियल आयुर्वेद चिकित्सालय के चिकित्सक एमडी (आयुर्वेदिक) पंचकर्म डा. अभिषेक कौशल ने बताया कि स्वर्ण प्राशन संस्कार में बच्चों को आयुर्वेदिक औषधियों से सिद्व शुद्व स्वर्ण भस्म घी व शहद के साथ पिलाया जाता है। यह संस्कार हर महीने में एक बार पुष्य नक्षत्र के दिन किया जाता है।

उन्होंने बताया कि जन्म से लेकर 16 वर्ष की आयु तक के बच्चों में स्वर्ण प्राशन संस्कार किया जाता है। उन्होंने बताया कि हर माह स्वर्ण प्राशन संस्कार करवाते समय बच्चों की लंबाई व भार को चैक व नोट किया जाता है। उन्होंने बच्चों के परिजनों से आह्वान किया है कि हर माह पुष्य नक्षत्र के दिन गांधी भवन मंडी में स्थित चिकित्सालय में स्वर्ण प्राशन अवश्य करवाएं। उन्होंने बताया कि पूर्व काल में भी बच्चे के जन्म के समय बच्चे के माता-पिता द्वारा द्वारा सोने की श्लाका में ऊं शब्द बच्चे की जीभ पर लिखा जाता था, पर अब यह परंपरा कहीं लुप्त हो गई है। लेकिन इस परंपरा को दोबारा शुरु किया है। उन्होंने बताया कि स्वर्ण प्राशन की ड्राप्स पिलाने से समस्त बच्चों के स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ है। इस अवसर पर वीरेंद्र कुमार, ज्योति, सपना, किरण, नीलम, मुनीष कुमार सहित अन्य उपस्थित रहे। स्वर्ण प्राशन के सैकड़ों लाभ है। इसमें अगर बच्चा बार-बार बीमार होता है। शिशु को एलर्जी के कारण बार-बार सर्दी, नजला, बुखार, खांसी, दमा, खांसी लाइ्रटस होता हो। शिशु को बार-बार एंटीबायोटिक दवाई देनी पड़ती हो या वजन कम हो रहा हो। उन बच्चों को स्वर्ण प्राशन के सेवन करवाकर रोग मुक्त कर सकते है। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। बच्चा शारीरिक व मानसिक रुप से मजबूत बनता है और बच्चे का स्टेमिना हम उम्र के बच्चों से ज्यादा बेहतर रहता है। भूख भी अच्छी लगती है। बुद्वि व स्मरण शक्ति तेज होती है।