मोदी का तिलिस्म कामयाब या कांग्रेस की रणनीति
2014 में भाजपा-कांग्रेस के बीच था दो लाख वोटों का अंतर; 2019 में भाजपा के 10 लाख वोट बढ़े, कांग्रेस को चार लाख का नुकसान
राकेश शर्मा — शिमला
हिमाचल में मोदी का तिलिस्म बरकरार रहेगा या कांग्रेस की रणनीति कारगर साबित होगी। लोकसभा चुनाव के रणनीतिकार अब इन बातों पर मंथन कर रहे हैं। लोकसभा के दो चुनावों में कांग्रेस के खाते का बड़ा वोट बैंक भाजपा की तरफ खिसका है। 2014 के लोकसभा चुनाव में चारों सीटों पर भाजपा को कुल 16 लाख 84 हजार 995 वोट पड़े थे, जबकि कांग्रेस को 14 लाख 46 हजार 237 वोट मिले थे। दोनों पार्टियों की जीत और हार के बीच दो लाख 38 हजार 758 मतों का अंतर था। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के वोट बैंक में करीब दस लाख वोटों की बढ़ोतरी हो गई, तो कांग्रेस को चार लाख वोट का नुकसान उठाना पड़ा था। 2019 में मोदी लहर के बीच भाजपा को हिमाचल में 26 लाख 61 हजार 281 तो कांग्रेस को 10 लाख 51 हजार 231 वोट मिले। दोनों पार्टियों के बीच 16 लाख 10 हजार वोटों का अंतर था। 2014 के चुनाव के मुकाबले यह अंतर 14 लाख वोटों का हो चुका था। 2012 के विसचुनाव में कांग्रेस ने 36 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी, तो 2014 के लोस चुनाव में उन्हीं सीटों पर बढ़त बनाते हुए भाजपा ने लोकसभा की चारों सीटें अपने नाम की थीं। 2017 के विस चुनाव में भाजपा की वापसी हुई, तो 2019 में लोस का रास्ता मुश्किलों भरा नहीं रहा। (एचडीएम)
2019 में भाजपा के तीन सांसदों ने बनाया था रिकॉर्ड
2019 के लोकसभा चुनाव में तीन सीटों पर चुने गए सांसद रिकॉर्ड बना गए थे। इनमें किशन कपूर ने बीते चुनाव में 72.02 फीसदी वोट हासिल किए थे। यह देश भर में किसी भी उम्मीदवार को पड़े वोटों से सबसे ज्यादा थे। किशन कपूर इस लहर में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी आगे निकल गए थे। हमीरपुर संसदीय सीट पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर लगातार चौथी बार सांसद बनने का रिकॉर्ड अपने नाम किया, तो मंडी संसदीय क्षेत्र से रामस्वरूप शर्मा ने पूर्व केंद्रीय पंडित सुखराम की सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड तोड़ा था।
पंडित सुखराम ने 1996 के आम चुनाव में एक लाख 53 हजार 223 मतों से मंडी संसदीय सीट पर जीत दर्ज की थी। करीब 23 साल बाद रामस्वरूप शर्मा ने पंडित सुखराम के पौते आश्रय शर्मा को चार लाख 77 हजार 623 मतों के भारी अंतर से पराजित किया। हालांकि कीर्तिमान के पहाड़ बनाने के बावजूद भाजपा ने अपने पुराने सांसद किशन कपूर पर कोई रहम नहीं किया और उनकी टिकट काट दी, जबकि रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद मंडी में हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने जीत दर्ज की है। बहरहाल अब मोदी के तिलिस्म को तोडऩा कांग्रेस के लिए इस बार भी बड़ी चुनौती है।
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