एक किला गेहूं की कटाई 8500 में

जिला में रेट सुनकर सूखे किसानों के हलक, 1068 रुपए में पड़ी एक कनाल की कटाई

स्टाफ रिपोर्टर-ऊना
गेहूं की फसल की कटाई के रेट सुनकर किसानों के हलक सूख रहे हैं। प्रवासी मजदूरों की लेबर न मिलने से प्रति कीला में गेहूं की कटाई के रेट 8500 रुपए पहुंच गए हैं। कई स्थानों पर प्रवासी मजबूर बड़ी-बड़ी ढींगे हांककर प्रति कीले 9000 रुपये रेट भी मांग कर रहे हैं। गेहूं कटाई के लिए 8500 रुपये प्रति कीले के हिसाब से 1068 प्रति कनाल पड़ रही है। अगर किसानों को इतनी कीमत गेहूं की कटाई के लिए देनी पड़ेगी तो जमींदारों के पास क्या बचेगा। जमींदारों के अनुसार गेहूं की फसल की कटाई के इस सीजन में यूपी-बिहार से मजदूर बहुत कम आए हैं, जो लेबर आई है उन्होंने गेहूं की कटाई की कीमत बताकर किसानों को चिंता में डाल दिया है। इस सीजन में किसानों को पहले सूखे के कारण भारी नुकसान हुआ तो उसके बाद पीला रतुआ बीमारी ने कोई भी कसर नहीं छोड़ी।

इसके बाद बेमौसमी बारिश व तूफान ने गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया है। अब जब कटाई का समय आया तो लेबर न मिलने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। जहां लेबर मिल रही है तो कटाई की कीमत सुनकर ही किसानों की हालत पतली हो रही है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिला ऊना में 35,514 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल की पैदावार होती है। जहां से प्रति वर्ष किसानों को 80 हजार मीट्रिक टन के करीब गेहूं की पैदावार होती है और करीब आठ लाख क्विंटल पशुचारा निकलती है। 35,514 हेक्टेयर भूमि में 20941 हेक्टेयर गैर सिंचित क्षेत्र व 14573 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र शामिल है। इस सीजन में सिंचित-गैर सिंचित क्षेत्रों में गेहूं की फसल लगभग अच्छी है। सूखे के कारण गैर सिंचित क्षेत्रों में 5000 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। उसके बाद पीला रतुआ फैलने से गेहूं की पैदावार में फर्क पड़ा है।

छोटे किसानों को पेश आ रही सबसे ज्यादा परेशानी

गेहूं की कटाई के इतने ज्यादा मूल्य होने से सबसे ज्यादा परेशानी छोटे किसानों को झेलनी पड़ रही है। क्योकि छोटे किसान अगर मजबूरों से गेहूं की फसल कटवाते हैं तो उन्हें फसल से कुछ भी नहीं लाभ होगा। अगर मशीनों(कंपैन)से कटवाते हैं तो फसल से पशुचारा(तूड़ी)सिर्फ 30 प्रतिशत ही बचता है। दोनों तरफ से छोटे किसानों को घाटा सहना पड़ रहा है।

आठ कनाल गेहूं कटाई के मांगे 8500 से 9000 रुपए

हिमाचल किसान सभा के जिला अध्यक्ष रणजीत सिंह ने कहा कि जिला ऊना में प्रवासी मजदूरों की लेबर गेहूं की कटाई की कीमत 8 कनाल के 8500 से 9000 रुपए तक मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि मजदूरों से या फिर मशीनरी से दोनों से गेहूं की कटाई किसानों के लिए घाटे का सौदा है।

सालभर की आजीविका का साधन हैं गेहूं की फसल

जिला के जमींदारों के लिए गेहूं की फसल उनकी सालभर की आजीविका का साधन हैं। क्षेत्र के लोग गेहूं की फसल को पूरे वर्ष सेवन करते हैं। अगर किसानों को गेहूं की फसल की बिजाई करने के बाद भी उससे कुछ भी लाभ नहीं होता है तो जमींदारों के लिए इससे ज्यादा तकलीफदायक क्या हो सकता है।