Punjab : एमएलए शीतल अंगुराल का इस्तीफा नामंजूर
विधायक ने कहा, हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे
निजी संवाददाता—जालंधर
आम आदमी पार्टी छोडक़र बीजेपी में शामिल हुए एमएलए शीतल अंगुराल ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 28 मार्च को पंजाब विधानसभा के स्पीकर को अपना इस्तीफा भेजा था। बताया जा रहा है कि स्पीकर कुलतार सिंह संधवान ने उनका इस्तीफा खारिज कर दिया है। पंजाब सरकार ने पार्टी छोडऩे के दूसरे दिन ही एमएलए शीतल अंगुराल और एमपी सुशील रिंकू कि आधी सुरक्षा छीन ली थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक शीतल अंगुराल ने कहा कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन स्पीकर कुलतार सिंह संधवान ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। अगर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया, तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार लोकसभा चुनाव के साथ इस सीट पर उपचुनाव नहीं करवाना चाहती, इसलिए उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा रहा है।
बता दें कि पंजाब सरकार की ओर से दोनों की सुरक्षा कम करने के आदेश दिए गए। रिंकू की सुरक्षा में तैनात पंजाब पुलिस के कमांडो को हटा लिया गया और एक सुरक्षा वाहन को भी हटा दिया गया। इसके बाद पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ के बाद सुशील रिंकू और अंगुराल ने केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की। बैठक में मुख्य रूप से उनकी कम की गई सुरक्षा को लेकर चर्चा हुई, दोनों नेताओं ने कहा कि उनकी जान को खतरा है, इसके बाद अब केंद्र ने दोनों को वाय+ सुरक्षा दे दी है।
भाजपा नेता स्वर्ण सलारिया ने चुनाव लडऩे का किया दावा
दिव्य हिमाचल ब्यूरो—पठानकोट
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पंजाब में भाजपा के उम्मीदवारों की लिस्ट के जारी होते ही विरोध भी शुरू हो गया है। शनिवार रात भाजपा ने छह उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी। सबसे पहला विरोध भाजपा का गढ़ बन चुके गुरदासपुर से सामने आया है। जहां से विनोद खन्ना तकरीबन चार बार सांसद चुने गए और बीते चुनाव में सनी देओल ने जीत हासिल की थी। 2019 में जीत के बाद सनी देओल की गैर-हाजिरी से खफा लोगों को नाराजगी को दूर करने के लिए भाजपा ने यहां पैराशूट उम्मीदवार उतारने की जगह लोकल लीडर व पूर्व विधायक दिनेश बब्बू को टिकट दिया है। इसके विरोध में सीनियर भाजपा नेता व बिजनेसमैन स्वर्ण सलारिया ने चुनाव लडऩे की घोषणा की है, वहीं पूर्व सांसद स्वर्गीय विनोद खन्ना की पत्नी कवीता खन्ना ने चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर कर दी है। समाजसेवा के लिए राजनीति सबसे बेहतर विनोद खन्ना की पत्नी कवीता खन्ना ने एक इंटरव्यू में साफ किया है कि विनोद खन्ना ने अपने आखिरी पलों तक गुरदासपुर के लिए फिक्रमंदी जाहिर की।
बीते 36 सालों से वे खुद लोगों की सेवा में जुटी हुई हैं। यहां उनकी तरफ से कवीता विनोद खन्ना फाउंडेशन की स्थापना की और बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए काम कर रही हैं। कवीता खन्ना का कहना है कि धर्म भी समाजसेवा के लिए कहता है, लेकिन उसके लिए सबसे उपयुक्त प्लेटफार्म राजनीति ही है। वे विनोद खन्ना की तर्ज पर ही यहां काम करना चाहती हैं, चाहे वे आजाद करें या किसी अन्य तरीके से। वे सभी सर्वे में जीती थी और वे सेवा करती रहेंगी।
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