प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में रीना ने झटका पहला स्थान

चांदपुर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के खंड चिकित्सा अधिकारी डाक्टर सुरेंद्र सिंह बावा के दिशा-निर्देश में मनाया राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस

स्टाफ रिपोर्टर-जुखाला
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सदर ब्लॉक मार्कंड के सौजन्य से तथा खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुरेंद्र सिंह बावा के दिशा निर्देश में राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस शुक्रवार को चांदपुर में मनाया गया। इस मौके पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें रीना कुमारी ने प्रथम, निशा व दीक्षा ने द्वितीय तथा दीक्षा एवं सपना ने तृतीय स्थान हासिल किया। इन सभी को स्टील के टिफिन वितरित किए। इस दौरान हेल्थ एजुकेटर विजय कुमारी ने उपस्थित महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व पर जानकारी देते हुए बताया कि यह दिवस 2003 से हर साल सुरक्षित राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के रूप में 11 अप्रैल को कस्तूरबा गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। भारत सरकार ने व्हाइट रिबन एलियांज इंडिया के आग्रह पर कस्तूरबा गांधी की वर्षगांठ पर इस दिन को मनाना घोषित किया था। तब से हर साल नेशनल सेफ मदरहुड डे के रूप में यह मनाया जाने लगा है। कई महत्वपूर्ण दिनों की तरह इस दिन को भी हर साल एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 की आधिकारिक थीम को हाल के रुझानों और वैश्विक प्राथमिकताओं के आधार पर सुनिश्चित किया है, जिनमें …मातृ स्वास्थ्य देखभाल में समानता सुनिश्चित करना, कोई भी मां पीछे ना छूटे।.. सतत कल के लिए मात्र स्वास्थ्य में निवेश को प्राथमिकता देना सर्वोत्तम मातृ स्वास्थ्य के लिए परिवारों को सशक्त बनाना और समुदायों को मजबूत बनाना।

बेहतर मातृ स्वास्थ्य परिणाम के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना आदि है। इसके पीछे का इतिहास पर उन्होंने चर्चा करते हुए बताया कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2015 में निर्धारित सतत विकास लक्षण के लक्ष्य तीन जनवरी 2030 तक वैश्विक एमएमआर मातृ मृत्यु दर को 70 प्रति लाख से कम जीवित जन्म तक काम करना है। भारत महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए अपनी नीतियों के साथ इस लक्ष्य को समय से पहले हासिल करने की राह पर लगातार आगे बढ़ रहा है। केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में कई राज्यों को उतरी उत्कृष्ट प्रगति मिली है, जिनमें से आठ राज्य ने लक्ष्य को हासिल कर लिया है। इनमें केरल (19) महाराष्ट्र (33) तेलंगाना (43) आंध्र प्रदेश (45) तमिलनाडु (54) झारखंड (56) गुजरात (57) और कर्नाटक (69) शामिल है। सुरक्षित मातृत्व को प्राप्त करने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की शुरुआत की गई है। जिसके अंतर्गत हर महीने नौ तारीख को हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर उच्च स्वास्थ्य संस्थानों में गर्भवती माता की नि:शुल्क जांच व प्रबंधन किया जाता है। हर गर्भवती महिला को महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को अपने घर के सदस्यों तथा आशा वर्कर के साथ अपना प्रसव प्लान बनाना चाहिए, ताकि उसकी सही से सही जगह पर प्रस्ताव करवाया जा सके। सुरक्षित प्रसव के लिए हर गर्भवती महिला को सरकारी संस्थानों में ही प्रसव करना चाहिए ।