किसानों के लिए राहत की खबर…गेहूं खरीद पहली मई से

गे्रडिंग सेंटर टकारला और पेखूबेला में फसल की खरीददारी के लिए सरकारी स्तर पर तेज हुई तैयारियां, किसानों से सूखी फसल लाने का आह्वान

स्टाफ रिपोर्टर- ऊना
किसानों की पीला सोना के नाम प्रसिद्ध गेहूं की फसल लगभग 50 फीसदी पक चुकी है और अगले एक सप्ताह व 10 दिनों तक गेहूं की फसल पूरी तरह से पक जाएगी। कृषि विभाग ने किसानों से आह्वान किया है कि पंजीकृत किसान फसल से पैदावार लेने के बाद गेहूं को अच्छी तरह से सुखाकर व साफ करने के बाद ही गे्रडिंग सेंटर टकारला व पेखूबेला में लेकर आएं। अन्यथा कृषि विभाग द्वारा किसानों की गेहूं की फसल को वापस कर दिया जाएगा या फिर फसल की गे्रड अच्छे नहीं मिल सकेंगे। कृषि विभाग के अनुसार हर वर्ष किसानों को बार-बार सचेत किया जाता है कि फसल को अच्छी तरह से सूखाकर और साफ करने के बाद ही लाएं।

विभाग के अनुसार इन दिनों खराब मौसम के चलते फसल के अंतिम दिनों में अगर बारिश होती है तो किसान खेतों में बारिश के पानी की निकासी समय रहते कर दें। अगर किसान ऐसा नहीं करते हैं तो गेहूं की फसल में पानी खड़ा रहने से जमींदारों को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि बारिश होने से वर्तमान में गेहूं की फसल को कोई भी नुकसान नहीं होगा, लेकिन अगर खराब मौसम के साथ गेहूं की फसल खेतों में गिर जाता है तो पैदावार में गिरावट दर्ज की जा सकती है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिला ऊना में 35,514 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल की पैदावार होती है। जहां से प्रति वर्ष किसानों को 80 हजार मीट्रिक टन के करीब गेहूं की पैदावार होती है और करीब 8 लाख क्विंटल पशुचारा(तूड़ी) निकलती है। 35,514 हेक्टेयर भूमि में 20941 हेक्टेयर गैर सिंचित क्षेत्र व 14573 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र शामिल है। वहीं, जिला में 5000 हेक्टेयर गैर सिंचित क्षेत्र में गेहूं की फसल को सूखे की मार से प्रभावित हुई। उसके बाद पीला रतुआ फैलने से किसानों को गेहूं की फसल में नुकसान का सामना करना पड़ा और अब मौसम के कारणकी फसल बिछ गई।