रुकमणि कुंड…नहाना किसी चैलेंज से कम नहीं

महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालय न होने से नाराजगी, बैसाखी पर हर साल लगता है मेला
स्टाफ रिपोर्टर-घुमारवीं
लाखों लोगों के आस्था का प्रतीक रूकमणि कुंड में महिलाओं को सार्वजनिक शौचालय की सुविधा न होने के कारण भक्तों में नाराजगी है। यहां पर प्रतिवर्ष बैसाखी पर्व पर मेले का आयोजन भी किया जाता है। जिसमें काफी संख्या में महिलाएं भी आस्था की डुबकी लगाती है। यही नहीं रूकमणि कुंड में महिलाएं साल भर यहां पर आती जाती रहती है। आस्था है कि रूकमणि कुंड में नहाने से निसंतान महिलाओं को संतान की प्राप्ति होती है। महिलाएं यहां पर पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करती है। जिसके कारण यहां पर दूर दराज क्षेत्रों से महिलाओं का आना जाना लगा रहता है। लेकिन महिलाओं को यहां पर कोई भी सार्वजनिक शौचालय की सुविधा न होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों का कहना है कि यहां पर बहुत पुराना शौचालय था, लेकिन वह जर्जर हो चुका है तथा बंद पड़ा हुआ है। स्वर्गीय वैद्य शमशेर सिंह चंदेल रूकमणि कुंड समिति के महासचिव प्रकाश चंद तथा विपन सहित अन्यों ने इस बाबत सरकार व प्रशासन के प्रति नाराजगी जताई है। उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय की सुविधा प्रदान करने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि रूकमणि कुंड को विश्व मानचित्र पर उभारने के लिए कई बार खोखले वादे हो चुके हैं। लेकिन आज तक यहां पर महिलाओं के लिए कोई सार्वजनिक शौचालय न होने के कारण उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है तथा मजबूरन खुले में ही शौच जाना पड़ता है। इससे यहां के आम लोगों में सरकार व प्रशासन के प्रति रोष व्याप्त है। समिति द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी दो दिवसीय भंडारे का आयोजन किया गया था। जिसमें दूर दराज इलाकों के लोग भाग लेते हैं। समिति के प्रधान देवांश चंदेल, उप प्रधान प्रभात चंदेल, महासचिव प्रकाश चंद, सह सचिव राजेंद्र चंदेल, कोषाध्यक्ष प्रभु राम, मुख्य सलाहकार राजेंद्र प्रसाद उर्फ गुड्डू, सुरेश शर्मा, राजेंद्र चंदेल, हरि सिंह, जसवंत चंदेल, प्रो. बलबीर चंदेल, नंदलाल शर्मा व मानसिंह चंदेल ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से यहां पर महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालय निर्माण की मांग की है।