कम रेट पर हरगिज नहीं देंगे जमीन जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी करेंगे
मटौर-शिमला फोरलेन प्रभावित संघर्ष समिति ने मीटिंग कर किया ऐलान
कार्यालय संवाददाता-बिलासपुर
मटौर-शिमला फोरलेन सडक़ प्रभावित एवं विस्थापित संघर्ष समिति नौणी से नम्होल ने प्रभावितों को भूमि के कम दाम को लेकर चिंता जताई है। विस्थापित एवं प्रभावितों का कहना है कि वर्तमान में जमीन के दाम मार्केट में पांच लाख रुपये प्रति बिस्वा हैं। लेकिन नेशनल हाईवे ऑथरिटी ऑफ इंडिया की ओर से महज 45 हजार प्रति बिस्वा के दाम निर्धारित किए गए हैं। जोकि सही नहीं है। नेशनल हाईवे ऑथरिटी ऑफ इंडिया की ओर से प्रभावितों को यह तो मार्केट वेल्यू के हिसाब से दाम दें या फिर जमीन के बदले उचित स्थान पर जमीन ही मुहैया करवाए। ताकि विस्थापित एवं प्रभावितों को समस्या न झेलनी पड़े। शुक्रवार को मटौर-शिमला फोरलेन सडक़ प्रभावित एवं विस्थापित संघर्ष समिति नौणी से नम्होल की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता प्रधान बाबूराम सिसोदिया, उपप्रधान कमलेश चंद नड्डा, सचिव कुलवीर भड़ोल ने की। उक्त लोगों ने कहा कि प्रशासन की ओर से प्रभावितों को गुमराह किया गया।
उन्होंने कहा किा प्रशासन की ओर से प्रभावितों को नोटस जारी किए जा रहे हैं। दो माह में भूमि, मकानों को खाली करने फरमान जारी किए जा रहे हैं। जोकि सही नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से जो सर्कल रेट निर्धारित किए गए हैं, वह सही नहीं है। जिसके चलते प्रभावितों में रोष है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से प्रभावितों को आश्वासन दिया गया था कि प्रभावितों की बैठक में भूमि के रेट तय किए जाएंगे। लेकिन बैठक करना तो दूर जन सुनवाई तक नहीं हुई। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से इस मसले में स्थानीय प्रतिनिधियों से भी कोई चर्चा नहीं की। उन्होंने कहा समिति की ओर से प्रभावितों के हितों की अनदेखी सहन नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो आंदोलन का रास्ता भी अख्तियार किया जाएगा। बैठक में स्थानीय नेताओं की भूमिका पर भी चर्चा की गई। कहा गया कि स्थानीय नेता भी वोट बैंक तक ही सीमित दिखाई दे रहे हैं। इन तरह के नेताओं को आगामी चुनावों में खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
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