पहले दिन श्रीमद्भागवत कथा का समझाया सार
सामुदायिक भवन अर्की में साध्वी भारती ने की प्रवचनों की बौछार
स्टाफ रिपोर्टर-अर्की
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा सामुदायिक भवन अर्की में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिवस कथा का शुभारंभ विधिवत पूजन से हुआ। कथा व्यास साध्वी भाग्यश्री भारती ने कथा का माहात्म्य बताते हुए कहा कि हमारे वेद ग्रंथ एक अमूल्य निधि है और वेद व्यास द्वारा रचित श्रीमद्भागवत महापुराण एक ऐसा ही अनुपम ग्रंथ है।
भीष्म पितामह प्रसंग सुनाते हुऐ साध्वी ने बताया कि भीष्म पितामह ने परमात्मा का ध्यान करते हुए अपनी देह का परित्याग किया और परमगति को प्राप्त किया। यह प्रसंग हमे संदेश देता है कि मृत्यु तो हर एक इंसान को आनी है, लेकिन मृत्यु वही सफल है जिसके आने पर जीवन भी सफल हो जाए। इसलिए इंसान को चाहिए कि समय रहते उस ईश्वर को जान ले तभी उसका जीवन व मृत्यु दोनों सफल हो सकते हैं। परीक्षित प्रसंग सुनाते हुए साध्वी ने बताया कि उस समय तो कलिकाल का अभी प्रारंभ ही था, फिर भी राजा परीक्षित से इतना बडा़ अपराध हो गया।
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