दिव्य हिमाचल डेस्क
हिमाचल में मतदान के लिए अब एक दिन शेष है, लेकिन सियासी पारा चढ़ा हुआ है। नेताओं की धडक़ने बढ़ गई हैंं। चुनाव प्रचार में महिलाओं से लेकर व्यापारियों, युवाओं हर किसी के मुद्दों की गूंज आपको सुनाई दे रही है। बात कर्मचारियों की करें, तो उनका वोट हर चुनाव में बहुत मायने रखता है। प्रत्याशी की जीत हार में उस क्षेत्र के सरकारी कर्मचारियों का वोट अहम भूमिका निभाता है। यूं तो प्रदेश में कर्मचारियों के कई मसले अभी अधर में अटके पड़े हैं, मगर कांग्रेस इस बात को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों का वोट कांग्रेस को जाएगा, क्योंकि कांग्रेस ने उन्हे सबसे बड़ा तोहफा ओपीएस दिया है।
प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को सरकार ने ओल्ड पेंशन का लाभ देकर उनके भविष्य को सुरक्षित कर दिया है, लेकिन आने वाले समय में ओपीएस का क्या होगा। लोकसभा के चुनाव में भले ही अन्य राज्यों में आपको ओपीएस का शोर ज्यादा ना सुनाई दिया गया होगा, मगर हिमाचल में मुद्दा ओपीएस लागू होने के बाद भी खूब गूंज रहा है। इसके पीछे की दो बड़ी वजह हैं। पहली यह कि हिमाचल में विधानसभा का उपचुनाव भी है तो एक चर्चा यह हो रही है कि कहीं सरकार बदलने की नौबत प्रदेश पर आ गई, तो उस ओपीएस का क्या होगा, जिसे कांग्रेस ने लागू किया है और दूसरी वजह यह है कि बीजेपी भी यह जानती है कि कर्मचारियों के वोट कांग्रेस के पाले से अपने पाले में लेने के लिए किसी कर्मचारियों के किसी बड़े मुद्दे को तो छेडऩा ही होगा। अब बात अगर बात हम पहले कांग्रेस की करें, तो उसके नेता कह रहे हैं कि ओपीएस को लेकर बीजेपी कर्मचारियों को गुमराह कर रही है। भले ही भाजपा लगातार कह रही है कि अगर हम हिमाचल में सत्ता में आते हैं, तो ओपीएस को बंद नहीं किया जाएगा, लेकिन बीजेपी न तो ओपीएस देने का वादा कर रही है और न ही सीधे तौर से बता रही है की भाजपा ओपीएस को लेकर पक्ष क्या है, जबकि कांग्रेस इस पर कानून लाकर इस हक को और मजबूत करेगी। हालांकि कांग्रेस के नेता तो ये भी चुनौती दे चुके हैं कि बीजेपी में दम है, तो केंद्र से एनपीएस के तहत कटे कर्मचारियों के 9 हजार करोड़ रुपए के हिस्से को प्रदेश को दिलाएं।
जयराम ने बढ़ाया सियासी पारा
अब इस मसले पर चुनाव से दो दिन पूर्व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने ऐसा बयान दे दिया है, जिससे सियासी पारा बढ़ गया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बीजेपी ओपीएस के खिलाफ नहीं थी। हम सत्ता में आने के बाद भी बदले की भावना से काम नहीं करते, लेकिन ओपीएस को लेकर अब कांग्रेस कर्मचारियों को ठगने का काम कर रही है। जयराम ठाकुर ने दावा किया है कि इस चुनाव के बाद कांग्रेस ओपीएस को लेकर एक बड़ा बदलाव कैबिनेट में करने जा रही है, जिसके बाद प्रदेश में एनपीएस और ओपीएस में कोई फर्क नहीं रह जाएगा।
30 फीसदी पर मुहर
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस झूठ बोल कर कर्मचारियों को गुमराह कर रही है। कांग्रेस कर्मचारियों के साथ विश्वासघात करने जा रही है। कांग्रेस कर्मचारियों को अभी सेवानिवृििवत्त पर मिलने वाले वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता है, लेकिन अब सरकार सिर्फ 30 फीसदी देने पर मुहर लगाने वाली है। जयराम ठाकुर ने कर्मचारियों को समय पर सैलरी और डीए न देने के मसले पर भी कांग्रेस को घेरा और सीधे तौर पर कहा कि जिस तरह का व्यवहार कर्मचारियों के साथ कांग्रेस कर रही है ऐसे में इस वक्त कर्मचारी वर्ग को सतर्क होने की जरूरत है।