काश! कभी भारत को विश्वकप में हरा पाते
शाहिद अफरीदी का छलका दर्द; अधूरी रह गई ख्वाहिश
एजेंसियां— कराची
शाहिद अफरीदी अपने क्रिकेट जीवन में कौन सा लम्हा सबसे ज्यादा मिस करते हैं? इस सवाल के जवाब में पाकिस्तान के स्टार ऑलराउंडर का पुराना दर्द छलक उठा। अफरीदी को आज भी इस बात का मलाल है कि वह भारत को आईसीसी टूर्नामेंट्स में हरा नहीं पाए। भारत-पाकिस्तान की राइवलरी क्रिकेट के मैदान पर जगजाहिर है। एक लंबे अरसे तक आईसीसीसी टूर्नामेंट्स में भारत का दबदबा रहा है। भारत ने आईसीसी टूर्नामेंट्स, खासतौर पर वनडे वल्र्डकप के सभी मैचों में पाकिस्तान को शिकस्त दी है। टी-20 विश्वकप में एंबेसडर की भूमिका निभा रहे शाहिद अफरीदी ने आईसीसी से बातचीत में अपने मन की बात कही। उनसे पूछा गया था कि अगर वह समय को पीछे कर सकें, तो कौन से पल में जाना चाहेंगे। शाहिद अफरीदी ने इसका बेहद दिलचस्प जवाब दिया। अफरीदी ने कहा कि अपने क्रिकेट के दिनों में बहुत सारी अचीवमेंट्स मिलीं। मैंने बहुत सारा क्रिकेट खेला और ढेर सारा अनुभव हासिल किया। आगे अफरीदी ने कहा कि लेकिन हम वल्र्डकप में भारत को कभी हरा नहीं पाए। उन्होंने कहा कि यह ख्वाहिश अधूरी रह गई। हालांकि बाद में दुबई में पाकिस्तान ने भारत को हराया।
मैं इसको लेकर जज्बाती हो जाता हूं कि काश मैं भी इस टीम का हिस्सा होता। गौरतलब है कि पाकिस्तान के पूर्व आल राउंडर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के दो जून से शुरू होने वाले टी20 विश्व कप का दूत बनाया है। अफरीदी ने 2009 में पाकिस्तान की टी-20 विश्व कप जीत में अहम भूमिका निभाई थी। इसको लेकर अफरीदी ने कहा था कि आईसीसी पुरुष टी-20 विश्व कप मेरे दिल के काफी करीब है। उन्होंने कहा कि शुरुआती चरण में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट से 2009 में ट्रॉफी जीतने तक मेरे करियर के कुछ अहम पल इसी मंच पर खेलते हुए बने हैं। मैं इस चरण का बतौर दूत हिस्सा बनकर रोमांचित हूं, जिसमें हम पहले से कहीं अधिक टीमें, अधिक मैच और यहां तक कि ज्यादा रोमांच देखेंगे।
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