टेक्नोलॉजी जैसे-जैसे एडवांस हो रही है वैसे-वैसे ही इसका महत्त्व और बढ़ता जा रहा है। टेक्नोलॉजी के विकसित होने से कम्प्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप जैसी चीजें आज के लोगों के जीवन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा बन गई हैं। ऐसे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर आकर्षक करियर विकल्प बनकर उभर रहा है। कोई भी विद्यार्थी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकता है और टेक्नोलॉजी की दुनिया में अपने करियर को ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है…
टेक्नोलॉजी के इस दौर में बिना कम्प्यूटर और इंटरनेट के दुनिया की कल्पना करना मुश्किल है। हर कोई किसी न किसी तरह इस दुनिया से जुड़ा है और कम्प्यूटर की इस दुनिया को चलाता है साफ्टवेयर व हार्डवेयर, जिसके कारण ही यह क्षेत्र अब छात्रों के बीच बेहतरीन करियर ऑप्शन बन गया है। आज के समय में लाखों छात्र इस फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते हैं। छात्र चाहते हैं कि वे एक अच्छा इंजीनियर बन सकें, चाहे वे मोबाइल इंजीनियर हो, कम्प्यूटर इंजीनियर हो या फिर सॉफ्टवेयर इंजीनियर हो। इनमें कई सारे छात्र ऐसे होते हैं, जिनका कम्प्यूटर में काफी ज्यादा रूझान होता हैं और वे एक सॉफ्टवेर डिवेलपर बनना चाहते हैं।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग : सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग उसे कहते हैं, जिसमें कम्प्यूटर व अन्य डिवाइस के लिए सॉफ्टवेयर इत्यादि बनाए जाते हंै। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर कम्प्यूटर और मोबाइल के लिए सॉफ्टवेयर बनाता है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर अपनी स्कील के अनुसार कोडिंग करता है और उस कोड को एक सॉफ्टवेयर का रूप देता है। सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर का ही हिस्सा होता है। यह कम्प्यूटर के अंदर दिखने वाले सिस्टम होते हैं, जिन्हें आप छू नहीं सकते, परंतु देख सकते हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग एक प्रकार का कम्प्यूटर इंजीनियरिंग कोर्स होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग आईटी की एक ब्रांच है, जिसमें विभिन्न प्रकार की सॉफ्टवेयर डिजाइनिंग, डिवेलपमेंट, मेंटेंनिंग, टेस्टिंग, प्रोग्रामिंग आदि के बारे में सिखाया जाता है। इसमें कई प्रकार की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग किया जाता है जैसे एचटीएमएल, जावा, पीएचपी, सी, सी++ व पाइथन शामिल हैं। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए आपको इन सभी प्रोग्रामिंग भाषा का ज्ञान होना बहुत जरूरी है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर वह होता है जो उपभोक्ता की जरूरत के अनुसार विभिन्न प्रोग्रामिंग भाषा में कोडिंग करके एक सॉफ्टवेयर डिवेलप करता है। उसकी टेस्टिंग करके उसे बनाए रखता है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए इन सब प्रोग्रामिंग भाषा की जानकारी होना बहुत जरूरी है।
जरूरी स्किल्स
– विद्यार्थी के अंदर थिंकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग का गुण होना चाहिए।
– कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सीखने में इंटरेस्ट होना चाहिए।
– कम्प्यूटर की कोडिंग भाषा को सीखने में आपको इंटरेस्ट होना चाहिए।
– आपकी बातचीत करने की कला यानी कि कम्युनिकेशन स्किल अच्छी होनी चाहिए।
– विद्यार्थी को सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की अच्छी इंफॉर्मेशन होनी चाहिए।
– विद्यार्थी के अंदर टीमवर्क का गुण होना चाहिए।
कार्य
– एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर का मुख्य कार्य प्रोग्रामिंग करना होता है।
– सॉफ्टवेयर डिवेलप करना।
– मोबाइल ऐप बनाना।
– लैपटॉप और कम्प्यूटर के लिए सॉफ्टवेयर बनाना।
– ऐप व प्रोग्राम को डिवेलप करने मे आने वाली परेशानियों को सॉल्व करना।
– सॉफ्टवेयर की टेस्टिंग करना।
– सॉफ्टवेयर को मेंटेन रखना।
– उपभोक्ता की जरूरतों के अनुसार सॉफ्टवेयर बनाना।
करियर विकल्प
– सॉफ्टवेयर इंजीनियर
– सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट
– सॉफ्टवेयर स्पेशलिस्ट
– चीफ टेक्निकल ऑफिसर
– सॉफ्टवेयर ट्रेनी डिवेलपर
– साइबर सिक्योरिटी मैनेजर
– सॉफ्टवेयर डिवेलपर
– सेल्स मैनेजर
– वीडियो गेम डिजाइनर
– प्रोग्रामर
सैलरी : एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी कंपनियों पर निर्भर करती है कि आपको किन-किन तकनीक और कम्प्यूटर लैंग्वेज की नॉलेज है। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की शुरुआती सैलरी कम से कम 20-40 हजार प्रति महीना होती है। दिल्ली और बंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 45-50 हजार प्रति महीना मिलते है। उसके बाद एक एक्सपर्ट सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 70-80 लाख प्रतिवर्ष सैलरी मिलती है। अगर आप किसी मल्टी नेशनल कंपनी जैसे गूगल में काम कर रहे हैं तो आप की सैलरी एक करोड़ प्रतिवर्ष तक भी हो सकती है।
यूं रखें इस क्षेत्र में कदम
12वीं में स्ट्रीम का चुनाव : अगर आप एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं तो आपको 12वीं में अच्छे से तैयारी करनी पड़ेगी। अगर आप 12वीं के बाद सरकारी इंजीनियरिंग कालेज में दाखिला चाहते है तो आपको काफी मेहनत करनी पड़ेगी। निम्न चीजों पर ध्यान दें…
-12वीं में आपके पास साइंस स्ट्रीम होना चाहिए।
-मैथ मैटिक्स और कम्प्यूटर में अपनी पकड़ को अच्छी बनाएं।
-प्रोग्रामिंग या कम्प्यूटर भाषा में बेसिक ज्ञान लें।
एंट्रेंस एग्जाम निकालें : अगर आप एक अच्छे सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कालेज में एडमिशन लेना चाहते है तो आपको आईआईटी या एनआईटी में पढ़ाई करने के लिए आपको जेईई मेन्स और जेईई एडवांस्ड पास करना होता है।
सही कालेज का चुनाव करें : आपको जो भी कालेज पसंद हो, उसमें एड्मिशन लेने के लिए प्रयास करें, नहीं तो इंजीनियरिंग कालेज आईआईटी एनआईटी में या प्राइवेट कॉलेज का फॉर्म भरे। सरकारी इंजीनियरिंग कालेज में कम पैसे और प्राइवेट में अधिक पैसे लगते है।
स्नातक की डिग्री : जब आप 12वीं कर लेंगे तो आपके पास सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए या तो आप बीटेक ( बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी ) या कम्प्यूटर साइंस में बीई (बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग) कर सकते हैं। इसके आलावा बीएससी भी कम्प्यूटर साइंस में कर सकते हैं। यह भी आपके लिए अच्छा चॉइस होगा।
प्रोग्रामिंग भाषा को अच्छे से सीखें : सॉफ्टवेयर इंजीनियर को प्रोग्रामिंग भाषा आना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि इसके बिना वह कोई काम नहीं कर सकता। प्रोग्रामिंग भाषा जैसे की सी, सी++, जावा, पाइथन तथा कम्प्यूटर के टेक्नोलॉजी में माहिर बनें।
हमेशा सीखते रहें : हर दिन कोई न कोई तकनीक सामने आती रहती है। आपको टेक्नोलॉजी के नए ट्रेंड्स को फॉलो करना होगा। अपने फील्ड के बारे में हमेशा सीखते रहे।
कोर्स
बैचलर्स…
– Bachelor of Software Engineering (BSE)
– Bachelor in Software Development
– Bachelor in Software and Data Engineering
– Software Development and Entrepreneurship (Professional Higher Education)
– BSc in Computer Science and Engineering
– B.Tech. Software Engineering
मास्टर्स…
– MTech in Information Technology
– MBA in Information Technology
– MBA in Quality Management
– MBA in Marketing
– MBA in Finance
– MBA in Operations
– ME in Software Engineering
– M.Sc. in Software Systems
– MTech. Software Engineering
डिप्लोमा…
– Certificate course in digital signal processing
– Post graduate diploma in wireless and
mobile computing
– Short course on developing industrial internet of things
– Certificate in responsive website basics – code with HTML, CSS, and JavaScript
– Certificate in java programming – solving problems with
software
– Java, Python, C, C++, SQL, HTML and other language embedded course
– Software Testing
– Data Visualization Course
– Mobile app development Course
– DBA
– MySQL
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स के लिए आवेदन प्रक्रिया
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग करने के लिए आवेदक एंट्रेंस बेसिस पर और मेरिट बेसिस पर एडमिशन प्राप्त कर सकते हैं। एंट्रेंस बेसिस पर एडमिशन प्राप्त करने के लिए आवेदक को किसी भी नेशनल लेवल, स्टेट लेवल और इंस्टीट्यूट लेवल एंट्रेंस एग्जाम को देना होता है।
एंट्रेंस एग्जाम के कटऑफ के अनुसार यूनिवर्सिटी मेरिट लिस्ट तैयार करता है, जिसमें चुने गए आवेदक काउंसलिंग के लिए बुलाए जाते हैं।
मेरिट बेसिस पर एडमिशन प्राप्त करने के लिए आवेदक को सीधे ऑफिशियल वेबसाइट के जरिए आवेदन करना होता है।
ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आवेदक को खुद को रजिस्टर कराना होता है और फिर आवश्यक दस्तावेज के साथ फॉर्म को भर कर जमा करना होता है।
आवेदकों को उनकी योग्यता, क्वालिफिकेशन के आधार पर चुना जाता है ।