पंचरुखी में रेल की पटरी पर बेकार बह रहा पानी

पंचरुखी। न काम करेंगे न करने देंगे। इसी के कारण रेल पटरी के ऊपर से बने नाले दयनीय स्थिति में है व इनसे निकलने वाला पानी व्यर्थ बह रहा है। रेल विभाग के उदासीन रवैये के चलते क्षेत्र में भूमि बंजर होने की कगार पर है। क्षेत्र की भूमि सिंचित करने के लिए दर्जनों कूहलें रेल पटरी के ऊपर व नीचे से गुजरती हैं, जो भूमि को सिंचित करती हैं। अब आलम यह है कि कूहलों के एक किनारे से दूसरे तक जोडऩे वाले रेलवे ट्रैक के ऊपर से गुजरने वाले अधिकांश नाले क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।

जिन्हें न तो रेलवे विभाग बदलता है न बदलने देता है। विभाग के इस रैवये के चलते कूहलें बाधित हो गई हैं। नालों से पानी खेतों के बजाए रेल पटरी पर ही गिरता है। विभाग जानते हुए भी अनभिज्ञ बना हुआ है। चदरूहल कूहल का भी यही हाल है जिससे पानी खेतों की बजाए पटरी पर गिर रहा है। खुडली, रक्कड़ गांव की कूहल के लिए बना नाला भी टूट गया है। किसानों का कहना है कि या तो रेल विभाग स्वयं सभी नालों को दुरस्त करे या फिर किसानों को करने दे ताकि भूमि बंजर न हो सके।