सभी किसान ध्यान दें, यूं करें धान की रोपाई
वैज्ञानिकों की किसानों को सलाह, 30 जून तक रोपें पौधे और करें मक्की की बुआई
कार्यालय संवाददाता-पालमपुर
लम्बी व बौनी किस्मों की रोपाई का समय सात जुलाई तक तथा बासमती किस्मों की रोपाई का समय 30 जून तक रहेगा। धान की नर्सरी तैयार करने के लिए बीज को बैविस्टिन 2.5 ग्राम प्रति किग्रा बीज की दर से उपचारित कर लें। तैयार नर्सरी को उखाडऩे से एक दिन पहले क्यारी में सिंचाई कर दें, ताकि जड़ों को नुकसान न हो। समय से रोपाई की जाने वाली किस्म को लाइन में 20 सेंमी तथा देर से रोपाई वाली किस्म को 15 सेंमी की दूरी पर, पौध की आपस में दूरी 15 सेंमी तथा गहराई 3 सेंमी रखें। एक स्थान पर 2-3 पौध ही लगाएं। बासमती के लिए यह दूरी 15 सेंमी ही रखें। खराब पौध की जगह नई पौध 15 दिन बाद रोपाई करें। रोपाई वाले धान में प्रभावी खरपतवार नियंत्रण के लिए रोपाई के चार दिन बाद सेफनर के साथ प्रीटिलाक्लोर 800 ग्राम प्रति हेक्टेयर या रोपाई के सात दिन बाद सेफनर के बिना प्रीटिलाक्लोर का प्रयोग करें। धान की सीधी बीजाई व रोपाई के 25 से 30 दिन पर घास प्रजाति के खरपतवारों के नियंत्रण के लिए बाइस्पाईरीबैक 10 ई.सी. 200 ग्राम प्रति हेक्टेयर का छिडक़ाव करें।
धान में खरपतवार नियंत्रण के लिए रोपाई के 4-5 दिनों के अंदर मैचटी दानेदार 5 प्रतिशत 30 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से डालें। खेत से निकाली गई पनीरी की रोपाई एक घंटे के अंदर ही की जानी चाहिए। पनीरी की रोपाई इस प्रकार करें कि उसकी जड़ सीधी रहे। निचले पर्वतीय क्षेत्रों में मक्की की बुआई 30 जून तक कर लें। कतार की दूरी 60 सेंटीमीटर व पौधे की दूरी 20 सेंटीमीटर रखने पर 20 किलोग्राम बीज एक हैक्टेयर के लिए पर्याप्त होता है। मक्का की फसल में सभी प्रकार के खरपतवारों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए बुवाई के 20 दिन बाद टेम्बोट्रियोन 120 ग्राम प्रति हेक्टेयर सर्फेक्टेंट के साथ का छिडक़ाव करें। मक्की के साथ दलहन फसलों की मिश्रित खेती हो तो उपर्युक्त रसायनों का प्रयोग न करें।
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