रिकांगपिओ में सफाई व्यवस्था राम भरोसे, जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर
89 लाख की लागत से बना कूड़ा संयंत्र बना सफेद हाथी, लोग खुले में जला रहे कूड़ा, वायु प्रदूषित
मोहिंद्र नेगी—रिकांगपिओ
किन्नौर जिला मुख्यालय रिकांगपिओ में विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) से निकलने वाले कूड़े को वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन करने के लिए पोवारी के पास वर्ष 2014 में लगभग 89 लाख की लागत से कूड़ा सयंत्र स्थापित किया था, परंतु आज यह कूड़ा सयंत्र सुचारू रूप से नहीं चल रहा है, जिससे इस सयंत्र का कोई लाभ नहीं हो रहा है तथा यह कूड़ा सयंत्र सफेद हाथी बनकर रह गया है। ऐसे में रिकांगपिओ बाजार से निकलने वाले हजारों टन कूड़े का ढेर पोवारी स्थित कूड़ा सयंत्र में पड़ा रहता है तथा सडक़ व सतलुज नदी किनारे खुले में कूड़े को फैंक कर जलाया जा रहा है, जिससे कूड़े को खुले में जलाए जाने से फैल रहे धुंए से पूरा क्षेत्र वायु प्रदूषण की चपेट में आ रहा है, लेकिन किन्नौर प्रशासन व साडा इस विषय पर जऱा सा भी गंभीर नहीं दिख रहा है। कूड़ा जलाने से निकल रहे विषैले धुएं से जहां एक ओर पोवारी, रिकांगपिओ के आस पास के क्षेत्रों में लोगों को सांस लेना मुश्किल हो रही है, वहीं दूसरी ओर सेब सहित अन्य नकदी फसलों पर भी इसका कुप्रभाव पड़ रहा है।
वहीं रिकांगपिओ साडा क्षेत्र में अलग-अलग दिन गीला व सूखा कचरा उठाया जा रहा है तथा साड़ा क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए साडा द्वारा ठेकेदार के माध्यम से कूड़ा उठाने का कार्य किया जा रहा है, परंतु फिर भी व्यवस्था की कमी के चलते साडा क्षेत्र में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है, जिससे आए दिन रिकांगपिओ बाजार व सडक़ों के किनारे कूड़ा बिखरा हुआ देखा जा सकता है। गौर रहे कि एनजीटी के दिशा-निर्देशानुसार कूड़ा या वातावरण को प्रदूषित करने वाले पदार्थों को न तो कहीं खुले मे जलाया जा सकता है और न ही कूड़े को नदी नालों में फेंका जा सकता है, जबकि एनजीटी के निर्देश हैं कि कूड़े को वैज्ञानिक तरीके से ही निष्पादन किया जाए, परंतु किन्नौर में कूड़े को खुले में जलाया जा रहा है तथा एनजीटी के दिशानिर्देशों को नजरअंदाज किया जा रहा है। स्थानीय निवासी नागेश नेगी का कहना है कि पवारी में कूड़े के निष्पादन के लिए स्थापित किए गए कूड़ा सयंत्र को चलाने के तरफ प्रशासन बिलकुल भी ध्यान नहीं दे रहा है, जिससे पवारी क्षेत्र में गंदगी का आलम बना हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि आज जिला किन्नौर पर्यटन की दृष्टि से विकसित हो रहा है, परंतु यहां पर्यटकों का कूड़े से स्वागत हो रहा है। उन्होंने तथा क्षेत्र के अन्य लोगों ने सरकार व जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा है कि साडा क्षेत्र से निकलने वाले कूड़े को खुले में जलाने एवं सतलुज में फैंके जाने से रोका जाए तथा कूड़े के सही निष्पादन के लिए शीघ्र कोई ठोस कदम उठाया जाए, ताकि क्षेत्र का वातावरण प्रदूषित न हो। वहीं कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि कांग्रेस के शासन में पोवारी में कूड़ा सयंत्र स्थापित किया गया था, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा सरकार ने इसको चलाने तथा रख रखाब की तरफ ध्यान नहीं दिया, जिससे यह कूड़ा सयंत्र खराब हो गया है।
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