हमीरपुर-कांगड़ा-सोलन में फिर आचार संहिता
राज्य स्तर पर असर डालने वाले फैसलों से पहले लेनी होगी निर्वाचन विभाग की मंजूरी
राकेश शर्मा — शिमला
हिमाचल में एक बार फिर आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। हालांकि इसका सबसे ज्यादा असर तीन जिलों में देखने को मिलेगा। लेकिन राज्यस्तर पर भी ऐसे फैसले जो समूचे प्रदेश के मतदाताओं को प्रभावित कर सकते होंगे उन्हें लेने से पहले राज्य सरकार को निर्वाचन विभाग की अनुमति लेनी होगी। तीन विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव का शेड्यूल तय होते ही सोमवार से आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। अब इन तीनों जिलों में कोई भी प्रशासनिक या सरकारी फैसला लागू नहीं हो पाएगा। जिलास्तर पर किसी भी योजना को क्रियान्वित नहीं किया जा सकेगा। हालांकि इनके बाहर प्रदेश के अन्य नौ जिलों में कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अन्य जिलों में लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से ठप हुए कार्य दोबारा शुरू हो पाएंगे। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी दलीप नेगी ने बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। इसका पालन सभी राजनीतिक दलों को करना होगा।
चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता को लेकर पहले से ही दिशा-निर्देश तय कर रखे हैं। उन्होंने कहा कि तीन जिलों में आदर्श आचार संहिता का सीधा असर रहेगा। इन जिलों में आगामी 14 जुलाई तक कोई भी ऐसा फैसला जो मतदाताओं को प्रभावित करता हो, अब लागू नहीं हो पाएगा। इसके अतिरिक्त राज्य स्तर पर भी होने वाले फैसले, जो पूरे प्रदेश के मतदाताओं को प्रभावित करते होंगे, उन्हें लेने से पूर्व इसकी जानकारी राज्य निर्वाचन विभाग को देनी होगी।
कोड ऑफ कंडक्ट के फेर में फंसे मुलाजिमों के मामले
आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद कर्मचारियों से जुड़े बहुत से मामले फंस गए हैं। इनमें दो साल सेवाकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों को नियमित करने, बिजली बोर्ड में कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन देने सहित महिलाओं को 1500 रुपए की योजना शुरू करने जैसे फैसले शामिल हैं। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी दलीप नेगी ने बताया कि सभी राजनीतिक दलों से आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन करने का आह्वान किया गया है।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App or iOS App