EVM पर फिर सियासी घमासान…
एलन मस्क बोले; हैक हो सकती है ईवीएम, राहुल-अखिलेश भी आए साथ
पूर्व केंद्रीय मंत्री विफरे, कहा, भारत पर लागू नहीं होती मस्क की राय
शिंदे गुट के सांसद के रिश्तेदार की गिरफ्तारी से आरोपों को मिली हवा
ब्यूरो — नई दिल्ली
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर एक बार फिर से विवाद खड़ा हो गया है। मुंबई पुलिस द्वारा शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के रिश्तेदार के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद एक बार फिर ईवीएम की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में आ गई है। इस पर विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग और सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही ईवीएम के मुद्दे पर टेस्ला के मालिक एलन मस्क और पूर्व केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर आमने-सामने आ गए हैं। इस मुद्दे को बढ़ता देख भारतीय चुनाव आयोग ने मुंबई मामले को लेकर शाम साढ़े चार बजे प्रेस कान्फ्रेंस कर सफाई दी। दरअसल, ईवीएम पर एलन मस्क के एक बयान ने नए विवाद को जन्म दे दिया है। दिग्गज कंपनी टेस्ला और सोशल मीडिया साइट एक्स (पहले ट्विटर) के सीईओ एलन मस्क ने एक पोस्ट में लिखा कि हमें ईवीएम को चुनावी प्रक्रिया से हटा देना चाहिए, क्योंकि इसे इनसानों और एआई के जरिए हैक किए जाने संभावना कम होने के बावजूद कुछ हद तक है। एलन मस्क के दावे पर भारत के पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भारत में बनाए जाने वाले ईवीएम खास पद्धति से डिजाइन किए गए हैं।
जिसे किसी भी तरीके से कनेक्ट नहीं किया जा सकता है, न ही ब्लूटूथ, वाईफाई, और न ही इंटरनेट से। इसके साथ ही राजीव चंद्रशेखर ने सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ठीक से डिजाइन करने और बनाने के तरीके पर एक ट्यूटोरियल देने की भी पेशकश की है। इस बहस में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एलन मस्क को जवाब देते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ठीक से डिजाइन और बनाया जा सकता है जैसा कि भारत ने किया है। हमें इस पर एक ट्यूटोरियल देने में काफी खुशी होगी। उधर, केंद्रीय मंत्री के इस ट्वीट का जवाब देते हुए मस्क ने लिखा कि सब कुछ हैक किया जा सकता है, तो राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि तकनीकी रूप से आप सही कह रहे हैं। उधर, एलन मस्क के बयान का कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी समर्थन करते हुए कहा कि भारत में ईवीएम एक ब्लैक बॉक्स की तरह है, जिसकी जांच करने की अनुमति किसी को भी नहीं है। कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि हमारे देश की चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है। राहुल गांधी के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी इस घटना पर पोस्ट करते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी समस्याओं को दूर करने के लिए होती है, अगर वही मुश्किलों की वजह बन जाए तो उसका इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। आज जब विश्व के कई चुनावों में ईवीएम को लेकर गड़बड़ी की आशंका जाहिर की जा रही है और दुनिया के जाने-माने टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स ईवीएम में हेराफेरी के खतरे की ओर खुलेआम लिख रहे हैं, तो फिर ईवीएम के इस्तेमाल की जिद के पीछे की वजह क्या है, ये बात भाजपाई साफ करें। हम आगामी सभी चुनाव बैलेट पेपर (मतपत्र) से कराने की अपनी मांग को फिर दोहराते हैं। गौर हो कि मुंबई पुलिस ने रविवार को शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले के खिलाफ केस दर्ज किया है।
पुलिस ने ये एफआईआर लोकसभा चुनाव की मतगणना वाले दिन गोरेगांव चुनाव सेंटर के अंदर पाबंदी होने के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल करने का आरोप में दर्ज की है। इसके साथ ही पुलिस ने मंगेश पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग ने एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। नॉर्थ पश्चिम सीट से रविंद्र वायकर रीकाउंटिंग के बाद मात्र 48 वोटों से चुनाव जीते थे, जिसको लेकर मतगणना के वक्त भी काफी विवाद हुआ था। सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग के अधिकारी गौरव के पास मोबाइल फोन था, जो मतगणना के दौरान ओटीपी जनरेट करता है, जिससे ईवीएम अनलॉक हो जाता है। यह फोन रविंद्र वायकर का साला पांडिलकर इस्तेमाल कर रहे थे। पुलिस को शक है कि फोन का इस्तेमाल सुबह से शाम साढ़े चार बजे तक किया गया है।मामले की जांच की जा रही है। उधर, ईवीएम पर विपक्षी नेताओं के आरोपों पर चुनाव आयोग ने प्रेस कान्फ्रेंस कर सफाई देते हुए सभी आरोपों को खारिज कर दिया। रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने कहा कि ईवीएम हैकिंग पर आई खबर पूरी तरह गलत है। ईवीएम को अनलॉक करने के लिए कोई ओटीपी नहीं लगता है। ईवीएम डिवाइस किसी से कनेक्ट नहीं रहता। ईवीएम स्टैंडअलोन सिस्टम है। हमने गलत खबर देने वाले पेपर को नोटिस इश्यू किया है। 499 आईपीसी के तहत मानहानि का केस भी किया गया है।
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