Pooja Khedkar : डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट को लेकर डाक्टर का बड़ा खुलासा
ट्रेनी आईएएस ऑफिसर पूजा सात फीसदी दिव्यांग
एजेंसियां — मुंबई
महाराष्ट्र की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर विवादों में घिरी हुई हैं। आए दिन उनसे जुड़ीं चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। तमाम आरोपों के बीच डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट (दिव्यांगता प्रमाण पत्र) को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, जिसका उन्होंने अपनी नौकरी में लाभ लिया। केंद्र सरकार ने उनकी नौकरी के मामले में जांच के लिए कमेटी गठित की है। इस बीच पुणे एक डॉक्टर ने पूजा के डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट को लेकर जानकारी दी है। यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल के डीन डाक्टर राजेंद्र वाबले का कहना है कि अगस्त, 2022 में वाईसीएम अस्पताल की ओर से पूजा खेडकर को दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किया गया था। पूजा को शारीरिक परीक्षण के बाद प्रमाण पत्र जारी किया गया था।
उनके बाएं घुटने में सात फीसदी की लोकोमोटर दिव्यांगता थी। सरकार द्वारा दिए जाने वाले लाभों का फायदा उठाने के लिए बेंचमार्क दिव्यांगता 40 फीसदी है। उधर, एक अधिकारी ने बताया कि पूजा के मेडिकल सर्टिफिकेट्स की जांच होगी। वर्तमान में वाशिम जिला में तैनात 2023 बैच की अधिकारी पूजा ने यूपीएससी को कई मेडिकल सर्टिफिकेट दिए थे। इसमें एक दृष्टि संबंधी दिव्यांगता का है। इसके साथ ही उन पर पुणे में तैनाती के दौरान अधिकारों के दुरुपयोग का भी आरोप है। मुख्य आयुक्त दिव्यांगजन ने पूजा की ओर से पेश प्रमाणपत्रों की जांच के संबंध में पुणे पुलिस और जिलाधिकारी को लेटर लिखा है।
फर्जी एड्रेस और राशन कार्ड का किया इस्तेमाल
यूपीएससी आरक्षण कोटे का दुरुपयोग करने की आरोपी ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर एक और गंभीर आरोप लगा है। पूजा ने विकलांगता का प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए गलत पता और फेक राशन कार्ड का इस्तेमाल किया था। ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि आने वाले समय में पूजा के खिलाफ सख्त ऐक्शन लिया जा सकता है। पूजा खेडकर जब पुणे में ट्रेनी आईएएस के तौर पर तैनात थीं, तो विवादों के घेरे में आ गई थीं।
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