सुरभि योजना में होगा पहाड़ी गाय का संरक्षण
विशेष संवाददाता-शिमला
हिमाचली पहाड़ी गौवंश सोसायटी ग्रामीण इलाकों में गौवंश की बढ़ोत्तरी पर काम करेगी। इसके मद्देनजर अलग-अलग गांवों में पांच गाय और एक नंदी दिया जाएगा। इसके लिए सोसायटी सुरभि योजना के तहत काम करेगी। सोसायटी के अध्यक्ष नरेश चौहान ने बताया कि सुरभि ग्राम योजना के अंतर्गत यह शुरूआत कुछ चिह्नित गांवों में की जाएगी। इससे हिमाचल की विलुप्त होती इस पहाड़ी गाय को दोबारा स्थापित करने में मदद मिलेगी। सोसायटी का कहना है कि वे गौवंश अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
सोसायटी का यह भी कहना है कि आने वाले समय में हिमाचल में इस पर कार्य करने वालों की सूची भी तैयार की जा रही है। गौवंश सोसायटी ने इस बारे में बैठक की है। इस बैठक की अध्यक्षता सचिव नरेश चौहान ने की। हिमाचल प्रदेश में बेसहारा गौवंश पर हो रहे अत्याचार कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। भले ही प्रदेश सरकारें इसके संरक्षण की बड़ी बातें हो रही हैं। लेकिन वास्तविकता कुछ और ही बयां कर रही है। आलम यह है कि जब ये गौवंश दूध देना बंद कर देती है तो इन्हें बेसहारा छोड़ दिया जाता है। सडक़ों पर इन्हें भगाने के लिए या तो डंडों का प्रयोग हो रहा है या फिर इन बेजुबानों पर गर्म पानी डालकर भी अत्याचार किया जा रहा है। शिमला के समीप कोहबाग गांव में भारत उदय ट्रस्ट श्याम सुंदरी पहाड़ी गौशाला संचालित कर रहा है। इसमें सडक़ों से बेसहारा पहाड़ी गौवंश का संरक्षण और संवर्धन किया जा रहा है। बैठक में निश्चित किया गया कि पहाड़ी बैलों से खेती करने वाले किसानों को चिह्नित किया जाएगा। साथ ही इस सराहनीय कार्य के लिए इन किसानों को सम्मानित भी किया जाएगा। बैठक में डीके सदाना, राजेंद्र राणा, आर आर भारद्वाज, राकेश प्राशर, वैद्य राजेश कपूर, हेमंत शर्मा, अरुणा वर्मा, नरेंद्र ठाकुर, राकेश ठाकुर, भगत राम, भूपेंद्र राणा आदि ने हिस्सा लिया।
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