कुशाग्रहणी अमावस का व्रत करके ऋण से पाएं छुटकारा

By: Aug 31st, 2024 12:28 am

कुशाग्रहणी अमावस्या भाद्रपद मास की अमावस्या को कहा जाता है। हिंदू धर्म ग्रंथों में इसे ‘कुशोत्पाटिनी अमावस्या’ भी कहा गया है। इस दिन वर्ष भर किए जाने वाले धार्मिक कार्यों तथा श्राद्ध आदि कार्यों के लिए ‘कुश’ एकत्रित किया जाता है। हिंदुओं के अनेक धार्मिक क्रियाकलापों में कुशा का उपयोग आवश्यक रूप से होता है। प्रत्येक गृहस्थ को इस दिन कुशा का संचय करना चाहिए। शास्त्रों में दस प्रकार के कुशों का वर्णन मिलता है। इनमें से जो भी कुशा इस तिथि को मिल जाए, वही ग्रहण कर लेना चाहिए:

‘कुशा: काशा यवा दूर्वा उशीराच्छ सकुन्दका:।
गोधूमा ब्राह्मयो मौन्जा दश दर्भा: सबल्वजा:।।’

जिस कुशा में पत्ती हो, आगे का भाग कटा न हो और हरा हो, वह देव तथा पितर दोनों कार्यों के लिए उपयुक्त होता है। कुशा निकालने के लिए इस भाद्रपद अमावस्या के दिन सूर्योदय के समय उपयुक्त स्थान पर जाकर पूर्व या उत्तराभिमुख बैठकर निम्न मंत्र पढ़ें और हुं फट् कह कर दाहिने हाथ से एक बार में कुशा उखाडऩा चाहिए :‘विरं

चिना सहोत्पन्न परमेष्ठिन्निसर्गज।
नुद सर्वाणि पापानि दर्भ स्वस्तिकरो भव।।’

इस दिन तीर्थ स्थान पर स्नान कर यथाशक्ति दान देने से देवता व पितर दोनों संतुष्ट होते हैं तथा सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

महत्त्व

शास्त्रों में अमावस्या तिथि का स्वामी पितृदेव को माना जाता है। इसलिए इस दिन पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण, दान-पुण्य का महत्त्व है। जब अमावस्या के दिन सोमवार, मंगलवार और गुरुवार के साथ अनुराधा, विशाखा और स्वाति नक्षत्र का योग बनता है, तो यह बहुत पवित्र योग माना गया है। इसी तरह शनिवार और चतुर्दशी का योग भी विशेष फल देने वाला माना जाता है। शास्त्रोक्त विधि के अनुसार आश्विन कृष्ण पक्ष में चलने वाले पंद्रह दिनों के ‘पितृपक्ष’ का शुभारंभ भादो मास की अमावस्या से ही हो जाता है।

फल

कुशाग्रहणी अमावस्या के दिन तीर्थ, स्नान, जप, तप और व्रत के पुण्य से ऋण और पापों से छुटकारा मिलता है। इसलिए यह संयम, साधना और तप के लिए श्रेष्ठ दिन माना जाता है। पुराणों में अमावस्या को कुछ विशेष व्रतों के विधान हैं। भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। यह व्रत एक वर्ष तक किया जाता है, जिससे तन, मन और धन के कष्टों से मुक्ति मिलती है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App or iOS App