Exam Pattern : आठ साल बाद बदलेगा एग्जाम पैटर्न

By: Sep 3rd, 2024 10:14 pm

स्कूल शिक्षा बोर्ड ने तीसरी से जमा दो तक की कक्षाओं के प्रश्न पत्रों में किया बड़ा फेरबदल

सिटी रिपोर्टर-धर्मशाला

प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड प्रदेशभर की विभिन्न कक्षाओं के प्रश्र पत्रों के पैटर्न में बदलाव कर दिया है। बोर्ड की ओर से कक्षा तीसरी, पांचवीं, आठवीं, नौवीं, दसवीं, जमा एक व जमा दो के प्रश्र पत्रों में मौलिक बदलाव किए गए है। यह बदलाव आठ सालों के बाद होने जा रहा है, जो मार्च 2025 में लागू होगा। वहीं बोर्ड की ओर से स्टेप वाइन पैटर्न से प्रश्र पत्र आएगा और जिस पैटर्न से प्रश्र पत्र आएंगे उसी पैटर्न में परीक्षाओं का मूल्यांकन भी किया जाएगा। इसके लिए बोर्ड की ओर से प्रश्र पत्र बनाने और मूल्यांकन करने के लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। बोर्ड की ओर से अब नए प्रश्र पत्रों के तहत सेक्शन ए में सभी मल्टीपल च्वॉइस प्रश्र पूछे जाएंगे और इन मल्टीपल सवालों को अटेंपट करने के लिए पेपर शीट के अलावा अलग से ओएमआर शीट दी जाएगी। साथ ही बोर्ड की ओर से सटेप वाइज मूल्यांकन भी किया जाएगा। इससे छात्रों को प्रश्र का एक भी स्टेप करने का फायदा मिलेगा। बोर्ड सचिव डा. मेजर विशाल शर्मा ने कहा कि बोर्ड की ओर से प्रश्र पत्रों में बदलाव के लिए अगस्त में कार्याशाला का आयोजन बोर्ड कार्यालय में किया गया था, जिसमें राष्ट्रीय स्तर व राज्य के विशेषज्ञ उपस्थित रहे थे। नेशनल स्तर की स्टडी में पाया गया है कि जो प्रश्र पत्र प्रदेश में बन रहे थे वह प्रश्न पत्र रटा लगाने वाले सिस्टम पर आधारित थे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में बच्चों को रूट लर्निंग से समझने तक की क्षमता रखने वाले स्तर पर ले जाना है।

बोर्ड की ओर से हो रहे बदलावों से पहले प्रश्र पत्रों में जो मल्टीपल च्वॉइज प्रश्र आते थे वह हर सेक्शन ए, बी, सी और डी में बिखरे होते थे, लेकिन अब जो प्रश्र पत्र आएंगे, उसमें केवल ए सेक्शन में ही प्रश्न पूछे जाएंगे। 20 प्रतिशत ही एमसीक्यूज आएंगे, लेकिन इन प्रश्रों को अटेंमट करने के लिए ओएमआर शीट दी जाएगी, जिससे छात्रों को ओएमआर शीट पर पेपर एटेंपट करने की जानकारी और अनुभव होगा। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर के बोर्ड की ओर से दो तरीके के प्रश्र नॉलेज और एप्लीकेशन बेस्ड प्रश्र व हायर टेस्टिंग स्किलस के प्रश्र छात्रों से पूछे जा रहे हैं। सचिव ने कहा कि कक्षाओं में कठिन सवाल पूछने का कारण स्कूलों से पास होकर राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पासिंग प्रतिशतता का कम होना है। बोर्ड सचिव ने कहा कि छात्र कंपीटेटिव परीक्षाओं में पीछे रह जा रहे है। छात्रों के हित में सोच कर लगभग आठ साल के बाद यह बदलाव होने जा रहा है।

35 प्रतिशत प्रश्न आसान होंगे

बोर्ड की ओर से प्रश्न पत्रों को ऐसे डिजाइन करवाया गया है जिनमें आसान प्रश्न व मध्यम स्तर के साथ कठिन प्रश्न भी होंगे, 35 प्रतिशत आसान , 30 से 35 प्रतिशत मध्यम प्रश्न व 25 से 30 प्रतिशत कठिन प्रश्न रहेंगे, जिससे हर छात्र कक्षा को पास करने में सफल हो।


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