ज्योतिषी पंडित विपन शर्मा बोले, गणेश चतुर्थी के दिन दो घंटे 31 मिनट तक रहेगा शुभ मुहूर्त
सुनील दत्त — जवाली
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है तथा इस दिन लोग अपने घर बप्पा लेकर आते हैं और पूरे विधि विधान के साथ उनकी स्थापना शुभ मुहूर्त में करते हैं। इसके बाद 10 दिनों तक बप्पा को घर में रखकर उत्सव मनाया जाता है तथा भक्त उनकी खूब सेवा करते हैं। उन्हें प्रिय मोदक और लड्डू का भोग लगाया जाता है और हर रोज दोनों समय आरती की जाती है। वहीं 10वें दिन गणपति जी का विसर्जन कर दिया जाता है। इस साल सात सितंबर को पूरे देश में गणेश चतुर्थी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा।
सात सितंबर शनिवार को सुबह 11:03 से दोपहर 1:34 बजे तक बप्पा की स्थापना घर में कर सकते हैं। इस साल यह अवधि कुल दो घंटे 31 मिनट की है। यह हिंदू धर्म का एक महत्त्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। भगवान गणेश को ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। ज्योतिष क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति हासिल कर चुके जवाली के ज्योतिषी पंडित विपन शर्मा ने बताया कि गणेश चतुर्थी के दिन चांद को नहीं देखना चाहिए। माना जाता है कि यदि आप इस दिन चंद्रमा को देखते हैं, तो आपको कलंक या बदनामी का सामना करना पड़ सकता है। (एचडीएम)
शुभ योग
गणेश चतुर्थी के दिन बहुत से शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जो इस दिन को और विशेष बना रहे हैं। सात सितंबर के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, ब्रह्म योग बन रहे हैं, जिस कारण इस बार गणेश चतुर्थी फलदायक होगी।
जैसी स्थापना, विसर्जन भी वैसा
भगवान गणेश की स्थापना की जिस प्रक्रिया को अपनाया जाता है, विसर्जन से पूर्व भी वैसी ही पूजा-अर्चना और विधि-विधान का पालन करें। चूंकि स्थापना के समय जीव दान किया जाता है, इसलिए विसर्जन से पूर्व भी ज्ञानी पंडित के माध्यम से पूजा विधि का पालन करें।
कथानुसार
इस दोष के पीछे एक पौराणिक कहानी है, जो गणेश जी और चंद्र देव से जुड़ी है। एक बार गणेश जी चूहे की सवारी कर रहे थे, तभी चंद्र देव को उन पर हंसते हुए देख लिया। इससे भगवान गणेश क्रोधित हो गए और चंद्रमा को श्राप दे दिया कि भाद्रपद माह की शुक्ल चतुर्थी की बेला में यदि कोई रात में चांद को देख लेता है, तो उसे समाज में तिरस्कार और अपमान का सामना करना पड़ेगा। भगवान श्रीकृष्ण ने गणेश चतुर्थी की रात चंद्रमा के दर्शन कर लिए थे, तो उनको मक्खन चोरी का कलंक लगा।