शानन जल विद्युत परियोजना के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी सरकारः मुख्यमंत्री
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस मौके पर उन्होंने प्रदेश के लोगों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए हिमाचल प्रदेश के उचित दावों को न्यायालय में पेश करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जोगिंद्रनगर में 110 मेगावाट की शानन जल विद्युत परियोजना को हिमाचल प्रदेश को सौंपा जाना चाहिए, क्योंकि पंजाब के पक्ष में इस परियोजना की पट्टा अवधि (लीज) समाप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय का रुख करेगी। सर्वोच्च न्यायालय को पंजाब सरकार को यह परियोजना हिमाचल को सौंपे जाने के लिए दिशा-निर्देश देने का आग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परियोजना को तुरंत सौंपे जाने के लिए केंद्र और पंजाब सरकार के समक्ष भी इस मसले को रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में प्रदेश के न्यायसंगत अधिकारों को सुरक्षित करने के मामले में भी तेजी लाएगी। इस संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा पहले ही निर्णय दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने में पुरजोर प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1,045 मेगावाट कड़छम-वांगतू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के संबंध में कार्यान्वयन समझौते के गैर-अनुपालन का जेएसडब्ल्यू कंपनी को नोटिस दिया जाएगा।
सीएम सुक्खू ने कहा कि हाइड्रो क्षेत्र में प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए विद्युत परियोजनाओं से 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 30 प्रतिशत रॉयल्टी लेने का निर्णय लिया गया है। वहीं 40 वर्ष बाद परियोजना राज्य सरकार को सौंपे जाने का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम के दूरगामी एवं सकारात्मक परिणाम आएंगे और प्रदेश की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि हाइड्रो पावर और पर्यटन प्रदेश की आर्थिकी के प्रमुख क्षेत्र हैं तथा वर्तमान सरकार इन दोनों क्षेत्रों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2027 तक प्रदेश को आत्मनिर्भर और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध और खुशहाल राज्य बनाने की दिशा में दृढ़ संकल्पित है।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App or iOS App