सात फीसदी की दर से बढ़ेगी भारतीय इकोनॉमी
विश्व बैंक ने बढ़ाया भारत की वृद्धि दर का अनुमान
वैश्विक बाजार में लाभ उठाने के लिए निर्यात में विविधता लाने का सुझाव
दिव्य हिमाचल ब्यूरो, नई दिल्ली
विश्व बैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं को मजबूत बताते हुए वर्ष 2024-25 की देश की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 7.0 प्रतिशत कर दिया है। वैश्विक वित्तीय संगठन ने अपनी पिछली छमाही रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। भारत में विश्व बैंक के निदेशक आगस्त तानो कुआमे ने बैंक की छमाही इंडिया डिवेलपमेंट अपटेड (भारत की आर्थिक स्थित पर अद्यतन रिपोर्ट) रिपोर्ट को जारी करते हुए कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं के आने वाले समय में भी मजबूत बने रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी के बाद भारत के शहरी श्रम बाजार में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, लेकिन युवाओं में बेरोजगारी की दर अब भी 17.0 प्रतिशत के साथ ऊंची बनी हुई है।
श्री कुआमे ने कहा कि भारत की मजबूत वृद्धि दर और गिरती मुद्रास्फीति से देश में नितांत गरीबी को कम करने में मदद मिलेगी। भारत में विश्व बैंक के निदेशक ने कहा कि भारत को यदि वैश्विक बाजार की संभावनाओं का लाभ उठाना है, तो उसे चीन की तरह विकसित और कम विकसित, हर तरह के बाजार में निर्यात की रणनीति पर काम करना होगा। उन्होंने ऐसी नीति से ही निर्यात को रोजगार वृद्धि में सहायक बनाया जा सकता है। सूचना प्रौद्योगिकी, व्यावसायिक सेवाओं और औषधियों के निर्यात में भारत का प्रदर्शन शानदार है। देश अपने निर्यात सूची की भी वृद्धि कर सकता है और इसके लिए उसे कपड़ा, परिधान, जूते-चप्पल जैसे उत्पादों के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक और हरित प्रौद्योगिकी उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने पर भी बराबर ध्यान देना होगा।
दिव्य हिमाचल ब्यूरो, नई दिल्ली
विश्व बैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं को मजबूत बताते हुए वर्ष 2024-25 की देश की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 7.0 प्रतिशत कर दिया है। वैश्विक वित्तीय संगठन ने अपनी पिछली छमाही रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। भारत में विश्व बैंक के निदेशक आगस्त तानो कुआमे ने बैंक की छमाही इंडिया डिवेलपमेंट अपटेड (भारत की आर्थिक स्थित पर अद्यतन रिपोर्ट) रिपोर्ट को जारी करते हुए कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं के आने वाले समय में भी मजबूत बने रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी के बाद भारत के शहरी श्रम बाजार में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, लेकिन युवाओं में बेरोजगारी की दर अब भी 17.0 प्रतिशत के साथ ऊंची बनी हुई है।
श्री कुआमे ने कहा कि भारत की मजबूत वृद्धि दर और गिरती मुद्रास्फीति से देश में नितांत गरीबी को कम करने में मदद मिलेगी। भारत में विश्व बैंक के निदेशक ने कहा कि भारत को यदि वैश्विक बाजार की संभावनाओं का लाभ उठाना है, तो उसे चीन की तरह विकसित और कम विकसित, हर तरह के बाजार में निर्यात की रणनीति पर काम करना होगा। उन्होंने ऐसी नीति से ही निर्यात को रोजगार वृद्धि में सहायक बनाया जा सकता है। सूचना प्रौद्योगिकी, व्यावसायिक सेवाओं और औषधियों के निर्यात में भारत का प्रदर्शन शानदार है। देश अपने निर्यात सूची की भी वृद्धि कर सकता है और इसके लिए उसे कपड़ा, परिधान, जूते-चप्पल जैसे उत्पादों के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक और हरित प्रौद्योगिकी उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने पर भी बराबर ध्यान देना होगा।
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