120 रुपए में रूखी-सूखी खा रहे खिलाड़ी, बढ़ी हुई डाइट मनी को तरसे
अधिसूचना के बाद भी बढ़ी हुई डाइट मनी को तरसे
अजय ठाकुर— गगरेट
प्रदेश सरकार बेशक प्रदेश में वित्तीय संकट होने की बात को नकारे, लेकिन प्रदेश के खिलाडिय़ों की डाइट पर वित्तीय संकट की मार पड़ी है। आठ अगस्त को ही शिक्षा विभाग ने स्कूली खेलकूद प्रतियोगिताओं में खिलाडिय़ों की डाइट मनी एक सौ बीस रुपए से बढ़ाकर चार सौ रुपए करने की अधिसूचना जारी की थी, लेकिन अब जब खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हो रहा है, तो खिलाडिय़ों को एक सौ बीस रुपए डाइट मनी ही मिल रही है। यानी खिलाड़ी एक समय में महज तीस रुपए का खाना खा रहे हैं। महंगाई के इस दौर में तीस रुपए में क्या खुराक मिलती होगी इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। सवाल यह है कि अगर प्रदेश में वित्तीय संकट नहीं है तो फिर खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन में अधिसूचना जारी होने के बावजूद खिलाडिय़ों को चार रुपए डाइट मनी क्यों नहीं दी जा रही है। ऐसे क्या कारण हैं कि शिक्षा विभाग द्वारा अधिसूचना जारी करने के बावजूद खिलाडिय़ों को पुरानी डाइट मनी के हिसाब से ही डाइट मनी दी जा रही है।
आठ अगस्त को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार जोनल व जिला स्तर की खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन पर डाइट मनी एक सौ बीस रुपए से बढ़ाकर चार सौ रुपए तथा राज्य व राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं के लिए डाइट मनी अढ़ाई सौ रुपए से बढ़ाकर पांच सौ रुपए की गई थी। जाहिर है कि मुख्यमंत्री के बजट अभिभाषण में खिलाडिय़ों की डाइट मनी बढ़ाने का ऐलान किया गया था। जिसे अमलीजामा पहनाते हुए शिक्षा विभाग ने डाइट मनी बढ़ाने की अधिसूचना जारी की थी। अब जब जोनल स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हो रहा है, तो खिलाडिय़ों को पुरानी डाइट मनी के लिहाज से ही डाइट मनी दी जा रही है। राजकीय मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अंबोटा में चल रही जोनल स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में खिलाडिय़ों को प्रति दिन एक सौ बीस रुपए डाइट मनी ही दी जा रही है। उधर खेल प्रतियोगिता के आयोजकों का कहना है कि फिलहाल पुरानी डाइट मनी के हिसाब से ही खिलाडिय़ों को डाइट उपलब्ध करवाई जा रही है। —(एचडीएम)
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