देवताओं और डायनों के युद्ध में कौन जीता? आ गया परिणाम
मंडी। तुंगल क्षेत्र के प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता बगलामुखी मंदिर सेहली में 69वीं वार्षिक जाग बड़ी धूम धाम के साथ मनाई गई। माता बगलामुखी के गुर अमरजीत शर्मा ने माता के गर्भ गृह में पूजा अर्चना की तथा उसके बाद मां के गुर ने अनेक प्रकार की देववाणी करके भक्तों का मार्ग दर्शन भी किया। उन्होंने बताया कि इस बार भी देवताओं और डायनों के बीच सात युद्ध विभिन्न क्षेत्रों में हुए, जिसमें पहला युद्ध समुद्र के टापू पर तथा अंतिम युद्ध धोधर धार नामक स्थान पर हुआ।
उन्होंने बताया कि देवी-देवता आषाढ महीने की शैण-देवी एकादश को युद्ध के लिए अपने स्थानों से प्रस्थान करते हैं। इस बार चार युद्धों में देवता तथा तीन स्थानों पर डायनें जीती हैं, जिस कारण देवताओं की जीत बताई गई। मंदिर में गुर के माध्यम से ये भविष्यवाणी की गई कि देवता के जीतने से जनमानस के लिए अच्छा रहेगा। ज्यादा आपदाएं घटित नहीं होगी। हालांकि, फसलें इत्यादी कई जगह सामान्य तो कई जगह कम होगी।
माता ने अपने भक्तों की सुरक्षा के लिए आशीर्वाद प्रदान करते हुए आपदा से बचाने का आशीर्वाद दिया। मातां की जाग में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें हजारों लोगों ने मां का प्रसाद ग्रहण किया। मां के गुर अमरजीत शर्मा ने बताया कि देवता और डायनों के बीच युद्ध की भविष्यवाणी कुछेक मंदिरों में ही की जाती है, जिसमें बगलामुखी मां का मन्दिर प्रसिद्ध है। मां का दश महाविद्यायों में आठवां स्थान है। मां हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करती है। कलयुग में तत्काल प्रभाव देने वाली देवी मानी गई है।
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