Himachal News : केरल-वेस्ट बंगाल के बाद तीसरे पायदान पर हिमाचल प्रदेश
-हिमाचल में फोरलेन निर्माण में भूमि अधिग्रहण पर सबसे उच्च मुआवजा दर
-फोरलेन निर्माण को लेकर हो रहा सबसे ज्यादा भूमि अधिग्रहण
विशेष संवाददाता-शिमला
नेशनल हाईवे में भूमि अधिग्रहण पर मुआवजे की दर के मामले में हिमाचल देश भर में तीसरे पायदान पर है। केरल और पश्चिम बंगाल के बाद हिमाचल का नंबर आता है। हिमाचल में निर्माणाधीन चारों नेशनल हाईवे में भूमि अधिग्रहण में कंपनसेशन रेट सबसे ज्यादा है। इनमें मंडी-पठानकोट, परवाणू-शिमला, शिमला-मटौर और कीरतपुर-नेरचौक शामिल हैं। इन नेशनल हाईवे के निर्माण को लेकर बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण किया गया है। यह बात मिनिस्ट्री आफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे (मोर्थ) के निदेशक अभय जैन ने कही है। उन्होंने बताया कि देश भर में एक लाख 46 हजार 415 किलोमीटर नेशनल हाईवे का निर्माण हुआ है। इसमें से 65 हजार 610 किलोमीटर एनएचएआई के पास है। जबकि 62 हजार 41 किलोमीटर पीडब्ल्यूडी के पास है। जबकि एनएचआईडीसीएल के पास 7696 किलोमीटर, बीआरओ के पास 3586 और मोर्थ के पास 905 किलोमीटर नेशनल हाईवे है। देश भर में 2014 के बाद नेशनल हाईवे निर्माण की रफ्तार बढ़ी है। 2014 में 91 हजार 287 किलोमीटर नेशनल हाईवे था। इसमें सबसे ज्यादा 50 फीसदी डबल लेन की श्रेणी के थे। जिनकी कुल लंबाई 45 हजार 399 किलोमीटर थी। 30 फीसदी नेशनल हाईवे डबल लेन से कम यानि बिना पेव्ड शोल्डर के थे। जिनकी संख्या 27 हजार 517 किलोमीटर थी। जबकि बीते दस सालों में नेशनल हाईवे ऑथोरिटी आफ इंडिया ने 54 हजार 858 किलोमीटर नई सडक़ों का निर्माण किया है। इनमें सबसे ज्यादा फोरलेन बनाए गए हैं। फोरलेन निर्माण में 11 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
45 हजार 502 किलोमीटर नेशनल हाईवे इस समय फोरलेन में तबदील किए जा चुके हैं। एनएचएआई के इस प्रयास का बड़ा फायदा हिमाचल को भी हो रहा है। हिमाचल में मुख्य रूप से चार नेशनल हाईवे फोरलेन में तबदील हो रहे हैं। इनमें मंडी-पठानकोट, परवाणू-शिमला, शिमला-मटौर और कीरतपुर-नेरचौक शामिल हैं। जबकि एक अन्य फोरलेन पिंजौर-नालागढ़-बद्दी हिमाचल और हरियाणा के बीच साझे प्रयास से बनाया जा रहा है। बिना पेव्ड शोल्डर की सडक़ों में 20 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इस समय 14 हजार 942 किलोमीटर नेशनल हाईवे डबल लेन तो है लेकिन सडक़ों के दोनों तरफ पेव्ड शोल्डर नहीं है। 59 फीसदी नेशनल हाईवे डबल लेन पेव्ड शोल्डर के साथ बनाए गए हैं। जिनकी कुल लंबाई 85 हजार 701 किलोमीटर है। अभय जैन ने बताया कि कंपनसेशन रेट के मामले में हिमाचल तीसरे नंबर पर है। प्रदेश में भूमि अधिग्रहण के एवज में प्रभावित परिवारों को तय नियमों के अनुसार मुआवजा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि फोरलेन में जमीन आने की स्थिति में 10 फीसदी टीडीएस काटा जाएगा। यह टीडीएस भवन, संपत्ति और गैर कृषि भूमि आने की स्थिति में ही कटेगा। जबकि 2.5 प्रशासनिक शुल्क राज्य सरकार को प्रदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि फोरलेन में जमीन आने की स्थिति में 10 फीसदी टीडीएस काटने का प्रावधान है। टीडीएस भवन, संपत्ति और गैर कृषि भूमि आने की स्थिति में ही कटेगा। जबकि 2.5 प्रशासनिक शुल्क राज्य सरकार को प्रदान किया जाएगा।
—राकेश शर्मा
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