भारत के इस पहाड़ पर बने हैं 900 मंदिर

By: Dec 7th, 2024 12:23 am

दुनिया भर में कई स्थान हैं, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्त्व एवं सांस्कृतिक विविधताओं के कारण प्रसिद्ध हैं। इन स्थानों में समुद्र, झरने, झीलें, पहाड़ और अन्य प्राकृतिक सौंदर्य सम्मिलित हैं। इनमें से कुछ स्थानों का धार्मिक महत्त्व भी है। ऐसा ही एक स्थान है, जहां 900 मंदिर बने हुए हैं, जो न केवल अपनी वास्तुकला के लिए, बल्कि अपनी धार्मिक आस्था के लिए भी विशेष महत्त्व रखते हैं। यह अद्भुत पर्वत भारत के गुजरात राज्य में स्थित है और इसे शत्रुंजय पर्वत कहा जाता है।

मंदिरों वाला पहाड़- यह पहाड़ अपनी धार्मिक और ऐतिहासिक मान्यता की वजह से पूरी दुनिया में मशहूर है। शत्रुंजय पर्वत पर बने मंदिरों की संख्या लगभग 900 है, जो इसे एक अनोखा तीर्थ स्थल बनाते हैं। यह पहाड़ न केवल जैन धर्म के अनुयायियों के लिए महत्त्वपूर्ण है, बल्कि दुनिया भर के पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र है। शत्रुंजय पर्वत का प्रमुख स्थान भारतीय राज्य गुजरात के भावनगर जिले में स्थित है, जो भावनगर शहर से लगभग 50 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।

शत्रुंजय पर्वत का महत्त्व- शत्रुंजय पर्वत जैन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यधिक महत्त्व रखता है। यह पर्वत जैन तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव के साथ जुड़ा हुआ है, जिन्होंने यहां पर ध्यान किया था तथा अपना पहला उपदेश दिया था। इस वजह से यह स्थान जैन धर्म का एक महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है। इस पर्वत पर 24 जैन तीर्थंकरों में से 23 तीर्थंकरों ने ध्यान किया था, जिससे इस पर्वत को एक अत्यधिक पवित्र स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है।

मंदिरों की वास्तुकला और निर्माण

शत्रुंजय पर्वत पर बने मंदिर संगमरमर से निर्मित हैं तथा उनकी वास्तुकला बेहद आकर्षक और कलात्मक है। इन मंदिरों का निर्माण 11वीं शताब्दी में शुरू हुआ था और हर मंदिर की नक्काशी बेहद जटिल और सुंदर है। मंदिरों की दीवारों, छतों और शिखरों पर की गई नक्काशी में धार्मिक चित्र, मूर्तियां और अन्य सजावटी तत्व सम्मिलित हैं, जो इन मंदिरों को अद्वितीय और आकर्षक बनाते हैं। इन मंदिरों का सबसे खास पहलू यह है कि वे सूरज की किरणों में और चंद्रमा की रोशनी में एक विशिष्ट चमक पैदा करते हैं। जब सूर्य की रोशनी इन मंदिरों पर पड़ती है, तो संगमरमर की दीवारें तथा शिखर एक आभा उत्पन्न करते हैं, जिससे यह मंदिर और भी भव्य नजर आते हैं। चंद्रमा की रोशनी में भी इन मंदिरों का दृश्य मोती जैसे चमकता है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है।

तीर्थ स्थल तक पहुंचने की यात्रा- शत्रुंजय पर्वत पर स्थित इन मंदिरों तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 3,000 से अधिक सीढिय़ां चढऩी पड़ती हैं। यह सीढिय़ां एक चुनौतीपूर्ण यात्रा का हिस्सा है, किंतु इसके बावजूद यहां आने वाले श्रद्धालु इसे श्रद्धा एवं आस्था के साथ चढ़ते हैं। पर्वत की ऊंचाई पर स्थित मुख्य मंदिरों तक पहुंचने में समय और श्रम की आवश्यकता होती है, मगर इसके बदले में मिलने वाली आध्यात्मिक शांति और धार्मिक अनुभव अनमोल होते हैं।

शाकाहारी पालीताना शहर- शत्रुंजय पर्वत पालीताना नामक शहर में स्थित है, जो दुनिया का इकलौता शाकाहारी शहर माना जाता है। पालीताना शहर में मांसाहार का सेवन कानूनी रूप से प्रतिबंधित है तथा यहां केवल शाकाहारी भोजन ही उपलब्ध होता है। यह शहर जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक आदर्श स्थान है, जहां वे अपने धार्मिक एवं नैतिक विश्वासों का पालन करते हुए जीवन जीते हैं। पालीताना का यह अनोखा स्वरूप इसे दुनिया के अन्य शहरों से अलग और विशेष बनाता है। इन मंदिरों में लोगों की गहरी आस्था और श्रद्धा है।


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