कहीं नाराज तो नहीं हो गए भगवान, अकसर ऐसी गलती कर देते हैं हम

By: Dec 21st, 2024 5:33 pm

दिव्य हिमाचल डिजिटल डेस्क

मंदिर, हिंदू धर्म में आस्था का प्रतीक हैं। किसी न किसी रूप में हम भगवान को आवश्य पूजते है। हिंदू धर्म में कई देवी-देवताओं को पूजा जाता है। देश का हर हिंदू किसी न किसी मंदिर में जरूर जाता है। सुबह-सुबह मंदिर जाना बेहद अहम माना जाता है। ऐसा इसलिए कि सुबह-सुबह भगवान का आशीर्वाद लेकर दिन भर एक सकारात्मक माहौल बना रहता है। दिन शुभ रहता है और सभी कार्य बेहतरीन तरीके से संपन्न होते हैं। मंदिर में जाकर एक तो मन शांत रहता है, दूसरा सारा दिन शरीर में सकारात्मक ऊर्जा रहती है।

मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करने से सुख-समृद्धि मिलती है, लेकिन पूजा-अर्चना करने का भी विधान होता है, जिससे कई लोग अंजान रहते हैं। अगर विधि-विधान से पूजा की जाए, तो भगवान प्रसन्न हो जाते हैं और आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं, लेकिन कभी-कभी हम भूलवश वह कर जाते हैं, जिससे होते तो हम अनजान हैं, लेकिन अज्ञानता के कारण हम भगवान को भी नाराज कर देते हैं।

आप कैसे करते हैं पूजा
मंदिर में जाकर घंटी बजाना बेहद शुभ माना जाता है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर एंट्री करते समय हम घंटी बजाते हैं और फिर भगवान के दर्शन करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि घंटी क्यों बजाई जाती है। कहा जाता है कि मंदिर में जाकर घंटी बजाने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और देवता प्रसन्न हो जाते हैं। मन भी श्रद्धा में डूब जाता है। वैज्ञानिक मान्यता है कि मंदिर में घंटी बजाने से अति सूक्षम जीव नष्ट हो जाते हैं और वातावरण शुद्ध हो जाता है। हिंदू धर्म में पूजा के दौरान अकसर घंटी बजाई जाती है। शास्त्रों की मानें तो घंटी बजाने से देवी-देवताओं का ध्यान भक्तों की ओर जाता है।

कब बजानी चाहिए घंटी
मान्यताओं के अनुसार मंदिर में सुबह के समय ही घंटी बजानी चाहिए, क्योंकि इससे सुख और समृद्धि आती है। घर में घंटी बजाने से वातावरण भक्ति से सरावोर हो जाता है और दिन की अच्छी शुरूआत होती है। मंदिर में घंटी एक या दो बार ही बजानी चाहिए। देवताओं को जागृत करने और अपना संदेश भगवान तक पहुंचाने के लिए घंटी बजाई जाती है, लेकिन अकसर हम मंदिर पहुंचते ही बार-बार घंटी बजाते रहते हैं, जो कि गलत है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शाम के समय मंदिर में घंटी नहीं बजानी चाहिए, क्योंकि उस समय देवता विश्राम कर रहे होते हैं और घंटी बजाने से उनके विश्राम में विघ्र पड़ जाता है। हालांकि सूर्यास्त से पहले घंटी बजा सकते हैं, लेकिन सूर्यास्त के बाद नहीं।

ऐसा कभी न करें
जब आप मंदिर जाते हैं, तब तो एक या दो बार घंटी बजा सकते हैं, ताकि वातावरण शुद्ध हो जाए, लेकिन मंदिर से लौटते वक्त कभी भी घंटी न बजाएं, क्योंकि ऐसा करने से देवता नाराज हो जाते हैं। यह ध्यान रखें कि घंटी बजाते समय आप गुस्से में न हों। घंटी बड़े ही प्रेम और शांत स्वभाव से बजाएं, ताकि भगवान उसको सुनकर जागृत हो जाएं। बार-बार लगातार घंटी न बजाएं और घंटी बजाते समय किसी भी देवता के मंत्र का उच्चारण जरूर करें।


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