भोटा पीएचसी में रात को लटकेगा ताला
अस्पताल में अब रात को नहीं मिलेगी आपातकालीन सेवाएं, सरकार की नई गाइडलाइन से बढ़ी दिक्कतें
रमनकांत – भोटा
पीएचसी भोटा में लोगों को अब रात को आपातकालीन सेवाएं नहीं मिल सकेंगी। अस्तपाल में बीते सोमवार से आपातकालीन सेवाओं को बंद कर दिया गया है। सरकार की नई गाइडलाइन के चलते पीएचसी भोटा में तैनात डाक्टर और स्टाफ नर्स के तबादले से अस्पताल की आपातकालीन सेवाएं बंद हो गई हैं। लोगों को अस्पताल में सुबह 9:30 बजे से लेकर शाम चार बजे तक ही स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाएंगी। ऐसे में क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि देर-सवेर अगर कोई हादसा हो जाए या फिर कोई एमरजेंसी आ जाए, तो लोगों को उपचार के लिए 14 किलोमीटर दूर मेडिकल कॉलेज हमीरपुर पहुंचना होगा। बता दें कि भोटा पीएचसी में बीते सोमवार से आपातकालीन सेवाएं बंद कर दी गई हैं। यह अस्पताल लोगों को करीब 50 वर्षों से 24 घंटें आपातकालीन सेवाएं दे रहा था। सरकार की नई गाइडलाइन से पीएचसी भोटा की दिक्कतें बढ़ गइ हैं।
ऐसे में भोटा पीएचसी की स्टाफ नर्स के ट्रांसफर होने और डॉक्टर की कमी के कारण अस्पताल की आपातकालीन सेवाएं बंद कर दी गई हैं। बताया जा रहा है कि डा. पंकज सुजानपुर से भोटा पीएचसी में बतौर डेपुटेशन अपनी सेवाएं दे रहे थे। अब डा. पंकज अपनी सेवाएं भोटा पीएचसी में नहीं देंगे। इसके चलते अस्पताल की आपातकालीन सेवाएं बंद हो गई है, जबकि अस्पताल में एक दंत चिकित्सक और एक नेत्र चिकित्सक भी बैठते हैं। अस्पताल की आपातकालीन सेवाएं बंद होने के कारण लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ सकती है। आने वाले दिनों में भोटा क्षेत्र के लोगों की दिक्कतें बढ़ जाएंगी। वहीं बीएमओ डा. विक्रम कटोच ने बताया कि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार पीएचसी अस्पताल में एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट, एक चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी अपनी सेवाएं देंगे। बड़सर कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सुभाष टढवालिया से जब इस बारे में बात की गई, तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। बीएमओ से बात करेंगे, जरुरत पडऩे पर प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी इस मुद्दे के बारे में बात की जाएगी, लोगों की सुविधाओं को बहाल किया जाएगा। (एचडीएम)
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