अल्मोड़ा नगर निगम चुनाव में आरक्षण मामले में हाईकोर्ट का हस्तक्षेप से फिर इनकार

By: Jan 16th, 2025 4:57 pm

नैनीताल। उत्तराखंड के अल्मोड़ा नगर निगम चुनाव में आरक्षण के मामले में कांग्रेस नेता और अल्मोड़ा नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष शोभा जोशी को गुरुवार को उच्च न्यायालय से पुनः झटका लगा है। उच्च न्यायालय ने निकाय चुनावों के बीच आरक्षण के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। साथ ही अदालत ने अपील को भी खारिज कर दिया है। शीत अवकाश के बीच न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की पीठ में अपील पर आज सुनवाई हुई। अपीलकर्ता की ओर से एकलपीठ के आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया कि एकलपीठ ने विगत 10 जनवरी को अंतरिम आदेश जारी कर अल्मोड़ा नगर निगम के अध्यक्ष पद पर आरक्षण के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था।

अपीलकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि सरकार ने अल्मोड़ा नगर निगम के मेयर पद को नियम विरूद्ध तरीके से अतिरिक्त पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिये आरक्षित घोषित कर दिया है। इस सीट पर ओबीसी की जनसंख्या पांच प्रतिशत से भी कम है जबकि देहरादून और हल्द्वानी नगर निगम में ओबीसी की जनसंख्या सबसे अधिक है। नियमावली के अनुसार देहरादून और हल्द्वानी नगर निगमों को अतिरिक्त पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित घोषित किया जाना चाहिए।

आगे कहा गया कि इन दोनों निगमों के मेयर पदों को अनारक्षित घोषित किया गया है। जो कि संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है। इस मामले में आज सरकार की ओर से कहा गया कि प्रदेश में निकाय चुनावों अंतिम चरण में हैैं। आगामी 23 जनवरी को वोट डाले जाने हैं। इसके बाद अदालत ने इस स्तर पर चुनाव में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए अपील को खारिज कर दिया। अब इसके बाद अपीलकर्ता के पास उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का रास्ता बचा है।

यहां बता दें कि अपीलकर्ता की ओर से इससे पहले इस मामले को एक याचिका के माध्यम से उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी थी। याचिका में अल्मोड़ा नगर निगम के मेयर पद को अनारक्षित घोषित करने की मांग की गयी थी। न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की पीठ ने विगत 10 जनवरी को अंतरिम आदेश जारी कर निकाय चुनाव में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था।


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