Himachal Congress : पहले प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव, फिर कार्यकारिणी का विस्तार

हिमाचल में कांग्रेस संगठन चुनाव में नए बदलाव पर चर्चा शुरू, पार्टी हाइकमान के पास पहुंची रिपोर्ट
विशेष संवाददाता — शिमला
हिमाचल में कांग्रेस संगठन चुनाव की रिपोर्ट दिल्ली पहुंच गई है। संगठन चुनाव में सह-प्रभारियों ने ऑब्जर्वर की मदद से जुटाए आंकड़े हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला को सौंप दी है। दिल्ली चुनाव के बाद फरवरी माह में कांग्रेस संगठन का गठन हिमाचल में होने की संभावना है। इसके साथ ही संगठन चुनाव में एक नए बदलाव पर भी चर्चा शुरू हो गई है। दरअसल, कांग्रेस संगठन चुनाव में पहले ब्लॉक और जिला की कार्यकारिणी का गठन होना था। इसके बाद आखिरी चरण में प्रदेशाध्यक्ष का चयन होना था, लेकिन अब तैयारी सीधेतौर पर प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव सबसे पहले करने की चल रही है और प्रदेशाध्यक्ष का चयन होने के बाद कार्यकारिणी को विस्तार दिया जा सकता है। यानी फरवरी में पहले प्रदेशाध्यक्ष का चयन होने के बाद फिर जिला और ब्लॉक समेत पीसीसी के बड़े पदों पर पदाधिकारियों की ताजपोशी हो सकती है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह का कार्यकाल इसी साल खत्म हो रहा है। ऐसे में कांग्रेस हाइकमान इस बड़े बदलाव को लेकर भी खुद को तैयार कर रही है।
हिमाचल से दोनों सह-प्रभारियों ने राज्य में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मंशा को हाइकमान के साथ साझा कर लिया है। गौरतलब है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने हिमाचल की कार्यकारिणी को भंग करने के आदेश जारी किए थे। इन आदेशों में प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभ सिंह को छोड़ अन्य सभी पदाधिकारी हटाए गए थे। कांग्रेस हाइकमान ने दोबारा से कार्यकारिणी तय करने के आदेश जारी किए थे और इसके लिए दो सह प्रभारियों और ऑब्जर्वर को कमान सौंपी गई थी। अब समूचे प्रदेश की रिपोर्ट हाइकमान के पास पहुंच गई है और इसी रिपोर्ट के आधार पर हिमाचल में अगली तैयारियां की जा रही हैं। अब देखना है कि हाइकमान इस संबंध में क्या फैसला लेती है।
अध्यक्ष की कुर्सी के लिए इन नेताओं के नाम भी चर्चा में
कांग्रेस फरवरी के बाद प्रदेशाध्यक्ष का चयन करती है, तो इसमें तीन बड़े चेहरे प्रतिभा सिंह की जगह लेने के लिए आगे आ सकते हैं। इनमें पहला नाम अर्की से कांग्रेस विधायक और पूर्व सीपीएस संजय अवस्थी का है, जो मुख्यमंत्री सुक्खू के काफी करीबी हैं। सीपीएस का पद चले जाने के बाद फिलहाल, उन्हें किसी भी दूसरे पद का भार नहीं दिया गया है। इसके अलावा मंडी से कांगे्रस के इकलौते विधायक चंद्रशेखर भी अध्यक्ष पद की रेस में हो सकते हैं। दरअसल, मंडी को मजबूत करने के लिए कांग्रेस चंद्रशेखर को चेहरा बना सकती है। सरकार में ही मौजूदा विधायकों की बात करें, तो विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार भी प्रदेशाध्यक्ष की दौड़ में एक चेहरा हो सकते हैं। विनय कुमार अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं और प्रदेश में इस वर्ग को कांग्रेस के साथ जोडऩे की मंशा पर काम करते हुए कांग्रेस विनय कुमार का नाम प्रदेशाध्यक्ष की रेस में आ सकता है।
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