Medical Colleges में नई भर्ती कॉमन कैडर में

जीडीओ की भर्तियां भी अब डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन कैडर में ही होंगी
राजेश मंढोत्रा — शिमला
हिमाचल में मेडिकल एजुकेशन के स्तर पर भी बड़ा व्यवस्था परिवर्तन हो गया है। संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल के लिए राज्य सरकार ने मेडिकल कालेजों में अब एक ही कैडर रखने का फैसला किया है। इसे डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन यानी डीएमई कैडर कहा जाएगा। धर्मशाला में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूर किया गया था। कैबिनेट से दो रोज पहले ही आई फाइल में रिकार्ड किया गया है कि कैबिनेट के सामने रखे गए प्रस्ताव में प्वाइंट नंबर वन को छोडक़र बाकी अप्रूव किया जाता है। हालांकि कॉमन कैडर को लेकर कार्मिक विभाग से कुछ बिंदुओं पर सलाह लेने को भी कहा गया है। कैबिनेट नोट में प्वाइंट नंबर-1 रिटायरमेंट एज को लेकर था। वर्तमान में चंबा, नाहन, हमीरपुर जैसे मेडिकल कालेज में जहां मेडिकल फेकल्टी नहीं मिल रही थी, वहां रिटायरमेंट एज 65 वर्ष की गई है। सुपर स्पेशलिटी चमयाना के लिए भी यही व्यवस्था है।
हालांकि यह प्रावधान भी जरूरत के अनुसार है, जबकि आईजीएमसी और टांडा जैसे मेडिकल कालेजों में रिटायरमेंट एज 62 साल की है। कैबिनेट नोट में एक ही रिटायरमेंट एज आगे रखने का सुझाव था, जिसे मंत्रिमंडल ने नहीं स्वीकारा है। हालांकि बाकी बिंदुओं को मंजूरी दे दी है और कार्मिक विभाग से भी सलाह लेने को कहा है। इस फैसले के बाद यह तय हो गया है कि अब सारी नई भर्तियां एक ही कैडर में होंगी, जिसे डीएमई कैडर कहा जाएगा। इस फैसले को किस तरह लागू किया जाएगा और इसका प्रभाव क्या होगा, यह सरकार की नोटिफिकेशन से पता चलेगा। वर्तमान में हिमाचल में सरकारी क्षेत्र में ही छह मेडिकल कालेज हैं। इनमें आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कालेज के अलावा नेरचौक, मंडी, चंबा, नाहन और हमीरपुर मेडिकल कालेज शामिल हैं। ये मेडिकल कालेज अधिकांश रूप से राज्य सरकार के बजट पर ही निर्भर हैं, इसलिए स्वायत्त संस्थान वाला लॉजिक कैबिनेट के सामने नहीं टिक पाया।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App or iOS App