2017 के बाद नहीं हुआ पुलिस का B वन टेस्ट

By: Jan 11th, 2025 5:29 pm

स्टाफ रिपोर्टर-शिमला

वर्ष 2017 के बाद पुलिस विभाग में बी वन का टेस्ट न होने से हिमाचल पुलिस के जवानों को समय पर पदोन्नति नहीं मिल रही है। समय पर पदोन्नति न मिलने से पुलिस जवानों में रोष पनप रहा है। पुलिस जवानों ने एक बिना नाम के प्रेस विज्ञाप्ति जारी करके समय पर पदोन्नति देने की गुहार लगाई है। हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग में समय-समय पर सिपाहियों को हैड कॉन्सटेबल बनाया जाता है जिसके लिए पुलिस विभाग बी वन का टैस्ट करवाता है। पुलिस विभाग में पांच साल सर्विस पूरी कर चुके सिपाहियों को वीवन टेस्ट का मौका दिया जाता है।

वर्ष 2011 से पहले यह टेस्ट हर साल लिया जाता था। 2011 में कम्प्यूटर आधारित टेस्ट लिया गया, लेकिन टेस्ट को सही तरह से आयोजित नहीं किया जा सका और मामला न्यायालय में चले जाने पर 2017 तक दोबारा टेस्ट नहीं हो सका। जिसकी वजह से 2008 बैच के सिपाहियों को नौ साल टेस्ट देने के लिए इतंजार करना पड़ा। इसके बाद दोबारा 2017 में यह टेस्ट हुआ ,लेकिन फिर से इसे सही तरीके से लागू नहीं करवाया गया और दोबारा मामला कोर्ट में चला गया। ऐसे करीब आठ साल बीत जाने के बाद भी पुलिस जवानों की पदोन्नति के लिए वीवन का टेस्ट नहीं करवाया गया है, जिससे 2013 से लेकर के 2019-20 के सिपाही मौके के इंतजार में है, जिसका सबसे ज्यादा नुकसान 2012-13 में भर्ती हुए पुलिस जवानों को हो रहा है। पुलिस जवानों का कहना है कि पुलिस विभाग में श्रेष्ठ व किन्ही मानकों पर योग्य सिपाहियों को भी बिना टैस्ट लिए हैड कॉन्सटेबल की 10 प्रतिशत बेकैसी में पदोन्नति किया जाता है। जिसके लिए पुलिस मुख्यालय से समय समय पर स्टैंडिंग ऑर्डर जारी किए जाते हैं।

अगस्त 2024 में भी इन पदों को भरने के लिए एक स्टैंडिंग ऑर्डर जारी किया गया था। जिसमें डिपार्टमेंटल क्वालीफिकेशन, स्टेट लेवल स्पाट्र्स एवं ड्यूटी मीट, डीजीपी डिस्क एवं कोमोडेशन सटीफिकेटस, लेंथ ऑफ सर्विस के मानकों पर 35 नंबर लेने वाले सिपाहियों को प्रमोशन देने की बात कही गई है। इन पांच बिंदुओं में नंबर प्राप्त करने के लिए नंबरों का निर्धारण किया गया है। बताया जा रहा है कि विभाग की ओर से इसके लिए विभाग ने योग्य सिपाहियों की लिस्ट भी प्राप्त कर ली थी। कुछ सिपाहियों द्वारा दो-तीन महीनों में ही दो से तीन साईबर क्राईम के कोर्स कर लिए गए, जिनके नंबर इन प्रमोशन में गिने जाएंगे। इस स्टैंडिंग ऑर्डर जारी होने के बाद केवल कुछ सिपाहियों द्वारा ही बार-बार ये कोर्स किए गए हैं जो इस स्टैंडिंग ऑर्डर के जारी होने से पहले 35 नंबर के कहीं नजदीक भी नहीं थे। पुलिस जवानों का कहना है कि विभाग पिछले आठ साल में प्रमोशन का टैस्ट नहीं ले सका तो इस तरह की प्रमोशन देकर क्यों सिपाही वर्ग का मनोबल तोड़ा जा रहा है। टेस्ट के लिये तैयार पांच बैचों के 5000 सिपाहियों जिन्हे अभी तक टेस्ट का मौका नहीं मिला है।


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