जनप्रतिनिधियों को वेतन-पेंशन देने का औचित्य

By: Jan 24th, 2025 12:05 am

भारत एक गौरवशाली लोकतांत्रिक गणराज्य है, जो इस माह अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। हालांकि, विषय विचारणीय है कि संविधान में उल्लिखित आदर्श और सिद्धांत, जिनका उद्देश्य सभी नागरिकों को समान अधिकार और न्याय सुनिश्चित करना था, उनके अर्थों को समय-समय पर स्वहित में तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करने की प्रवृत्ति भी उतनी ही पुरानी हो गई है। लोकतंत्र में जनता अपने प्रतिनिधियों का चयन इस विश्वास के साथ करती है कि वे उनके अधिकारों और कल्याण के लिए कार्य करेंगे।

इन्हें जनसेवक कहा जाता है, लेकिन व्यवहार में इनका कार्य सेवा से अधिक ‘सुविधा और लाभ’ की ओर झुका हुआ है। संसद में हो रहे व्यवधान से प्रश्न उठता है कि क्या इन्हें वेतन और पेंशन दी जानी चाहिए या नहीं? भारत की समूह जनता को इस विषय पर चिंतन करना है।

-बलदेव राज भारतीय, यमुनानगर


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