दिव्य हिमाचल डिजिटल डेस्क
यह पुराना शेर है, जो नए साल में अपना वही पुराना अंदाजा दिखाएगा। रन मशीन विराट कोहली बेशक इस वक्त अपने फॉर्म से जूझ रहे हैं, लेकिन सभी जानते हैं कि विराट कोहली क्या हैं। उन्हें यूं ही क्रिकेट का किंग नहीं कहा जाता है। कोहली ने क्रिकेट के हर फॉर्मेट में खुद को परिभाषित किया है। विराट ने ऐसे-ऐसे वक्त में बल्लेबाजी की है, जहां से सभी सोचना बंद कर देते हैं। तो क्या हुआ एक सीरीज खराब जा रही हो, लेकिन जब विराट कोहली का बल्ला गर्जता है, तो बड़े-बड़े गेंदबाजों को पसीने छूट जाते हैं। हालांकि बार्डर-गावस्कर ट्राफी उनके लिए ग़लत आकलन से परिभाषित हो रही है। सिडनी में चीजें ठीक करने का उनके पास बड़ा मौका है।
वह मेलबर्न में लगभग ऐसा कर भी चुके थे और खुद स्टीव स्मिथ तक को यह लगा था कि कोहली के बल्ले से आज एक बड़ी पारी आने वाली है, लेकिन जायसवाल के रन आउट होने के बाद वह ऑफ़ स्टंप के बाहर की गेंद को छेडऩे चले गए, जिसे वह अब तक छोड़ते आ रहे थे। शायद नया साल पुराने कोहली को वापस लाने में सफल साबित हो। फील्ड पर तो वह अभी भी पुराने कोहली ही हैं। दर्शकों से उलझ रहे हैं, रोहित शर्मा को हर जरूरी सुझाव भी दे रहे हैं। खुद रोहित के लिए यह साल और सीरीज़ अभी तक संतोषजनक नहीं रही है और उनके टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने की भी काफ़ी चर्चा चल रही है। हालांकि पूर्व क्रिकेटर मांजरेकर मानते हैं कि इस पर कोई भी निर्णय खुद रोहित ही लेंगे। संजय मांजरेकर का कहना है कि रोहित शर्मा का फॉर्म वास्तव में चिंताजनक है। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में अकसर ऐसा होता है कि क्रिकेट को सही दिशा दिखाने के लिए बड़े खिलाड़ी आड़े नहीं आते। भारतीय क्रिकेट उस स्तर पर नहीं पहुंचा है। यह ज़िम्मेदारी चयन समिति के अध्यक्ष अजीत आगरकर की भी है, लेकिन मुझे लगता है कि रोहित ख़ुद सामने आकर ही अपने फैसले के बारे में बता देंगे।
याद करनी हो पर्थ की वह शतकीय पारी
छह वर्ष पहले कोहली जब आस्ट्रेलिया आए थे, तब उन्होंने एक ऐसा शतक लगाया था, जिसे घर के बाहर किसी बल्लेबाज़ द्वारा लगाए गए सबसे बेहतरीन शतक की संज्ञा दी जा सकती है। वर्ष 2018 में पर्थ में खेली गई उनकी पारी यह विश्वास दिलाने के लिए पर्याप्त थी कि जब तक वह क्रीज पर हैं, तब तक कुछ भी संभव है। यहां तक कि 2024 की शुरुआत भी उनके लिए काफ़ी बेहतर हुई थी। कोहली ने ऐसी पिच पर 46 रन बनाए थे, जहां साउथ अफ्ऱीका की पूरी टीम 55 पर सिमट गई थी। कोहली के सामने जितनी ही बड़ी चुनौती आई, वह उतनी ही रफ्तार के साथ उससे पार पाने में सफल रहे। हर टीम को ऐसे खिलाड़ी की जरूरत होती है। मौजूदा दौरे पर कोहली सभी छह बार ऑफ़ स्टंप के बाहर की गेंद को छेडऩे के दौरान आउट हुए हैं। विराट को बस इस एक समस्या से पार पाना है, फिर रन अपने आप बनने लगेंगे।
शानदार है क्रिकेट कैरियर
विराट कोहली के टेस्ट कैरियर की बात करें तो उन्होंने 122 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें 47.22 की औसत से 9207 रन बनाए हैं, जिसमें 30 शतक और 31 अद्र्धशतक शामिल हैं, जबकि सात बार 200 रन बनाए हैं। इसी तरह उनका वनडे कैरियर भी शानदार है। विराट ने 295 वनडे खेले हैं, जिसमें 13906 रन उन्होंने बनाए हैं। वनडे में उनके 50 शतक और 72 अद्र्धशतक शामिल हैं। वनडे में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 183 है और एवरेज 58 रन से ज्यादा है। इसके अलावा वह 120 टी-20 मैच खेल चुके हैं, जिसमें 4188 रन, एक शतक और 38 अद्र्धशतक शामिल हैं, जबकि औसम 48.7 है।