छात्रों की आत्महत्याओं के लिए कौन जिम्मेदार?
पिछले दिनों राजस्थान उच्च न्यायालय ने कोटा में कोचिंग सेंटरों में छात्रों की आत्महत्या के मामलों की सुनवाई करते हुए एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि कोचिंग सेंटरों में छात्रों की आत्महत्या के लिए सिस्टम नहीं, बल्कि अभिभावक जिम्मेदार हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में कुल आत्महत्या दर में सालाना 2 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि छात्रों की आत्महत्या की दर में 4 फीसदी की वृद्धि हुई है। कोटा से छात्रों की सुसाइड की खबरें नई नहीं हैं। वर्ष 2023 में 28 छात्रों ने आत्महत्या कर ली थी।
पिछले साल भी जुलाई तक आत्महत्याओं का आंकड़ा 14 तक पहुंच चुका है। अभिभावकों के साथ-साथ पूरे सिस्टम को इस मसले पर विचार करना है।
-राजेंद्र कुमार शर्मा, देहरादून
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