कांगड़ा में बिना आईसीटी लैब चल रहे 51 स्कूल
प्रदेश में डिजिटल इंडिया की मुहिम को लगा बड़ा झटका, आधुनिक शिक्षा को हर स्कूल में जरूरी हैं आईसीटी लैब
प्रियांशुल कौंडल – धर्मशाला
प्रदेश में डिजिटल इंडिया की मुहिम को बड़ा झटका लग रहा है। राज्य के सबसे बड़े जिला कांगड़ा के 51 स्कूल बिना आईसीटी लैब के ही चल रहे हैं। डिजिटल क्रांति के दौर में 51 स्कूलों में आईसीटी लैब न होने से हज़ारों छात्रों को आत्याधुनिक शिक्षा से वंचित रहना पड़ रहा है। एक ओर देश भर सहित अब प्रदेश में भी एआई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एजुकेशन की बात हो रही है, जबकि दूसरी ओर सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में बेसिक डिजिटल एजुकेशन ही नहीं मिल पा रही है, जो कि व्यवस्था पर बड़े सवाल उठा रही है। जिला कांगड़ा में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक व राजकीय उच्च स्कूल कुल 548 स्कूल हैं, लेकिन इनमें से 51 स्कूल ऐसे हैं, जहां आईसाटी लैब (इन्फॉर्मेशन और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी) स्थापित नहीं की गई है। जिला कांगड़ा में 548 में से 139 हाई स्कूलों व 358 सीनियर सैंकेडरी स्कूलों में आईसीटी लैब चल रही हैं, जबकि 51 स्कूलों में बच्चों को सिर्फ किताबों तक सीमित किया जा रहा है। ये बच्चे कंप्यूटर की किताबें तो पढ़ते हैं, लेकिन प्रैक्टिकल काम करने का उन्हें कोई मौका नहीं मिलता।
कंप्युटर शिक्षा का सबसे बड़ा फायदा यह है कि बच्चों को न केवल तकनीकी ज्ञान मिलता है, बल्कि उनके सोचने की क्षमता और समस्या सुलझाने के कौशल भी विकसित होते हैं। जब बच्चों को कंप्यूटर का अनुभव ही नहीं मिलेगा, तो वे कैसे नई तकनीकी दुनिया में कदम रखेंगे। अगर हम जिला कांगड़ा की बात करें, तो यहां पर लगभग 497 स्कूलों में आईसीटी लैब्स की सुविधा उपलब्ध है। इनमें सरकारी हाई स्कूलों और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा मिल रही है, लेकिन 51 स्कूलों के बच्चों को अभी भी इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। यह शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी कमी है। उच्च शिक्षा उपनिदेशक कांगड़ा विकास महाजन ने बताया कि उक्त स्कूलों में भी आईसीटी लैब के भवन निर्मित कर दिए गए हैं। इसमें बजट मिलने पर आईसीटी लैब सूचारू रूप से शुरू कर दी जाएंगी। एचडीएम
कांगड़ा के इन स्कूलों में नहीं आईसीटी लैब
जिला कांगड़ा के राजकीय उच्च विद्यालय अरला, जोल, अंब पठियार , अर्थ, बदूहुई खास, बाघनी, बलाहारा, बलोल, बंधू, भंगाल चौकी, बड़ा भंगाल, भापू, फातू का बाग, घारना, गोरलधार, हलेड़ कलां, जरोट, जोल, कलदून, कमनाला, कंड, कंड बगियाड़ा, करेरी खास, कथोली, कटोरा, खबली, काहनपट, लंघा, कोहलारी, लुधिहार, माओ, मेहवा, मुगंल, नाना खास, पकलोह, पुनानी, राजा खास, रजेहड़, रोपड़ी, सलीहार, सरसवा, थराग्रां, थोरा, थोरा बलूं, उत्तरपुर, योल कैंट, बरोट, पीएम श्री खज्जियां, धेवा व जुझपुर के नाम शामिल हैं।
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