चूड़धार पर बर्फबारी और हल्की बूंदाबांदी से किसानों की बंधी आस

By: Feb 5th, 2025 12:12 am

नौहराधार में आसमान की तरफ टकटकी लगाए बैठे किसानों-बागबानों पर पड़ी राहत की बारिश

संजीव ठाकुर-नौहराधार
मौसम विभाग के अनुमान के बीच मंगलवार को जिला की सबसे ऊंची चोटी चूड़धार पर हल्की बर्फबारी दर्ज की गई। जबकि निचले क्षेत्र नौहराधार में हल्की-हल्की बारिश की बूंदाबांदी हुई। चूड़धार की चोटियों में मंगलवार सुबह दस बजे के से दोपहर बाद खबर लिखे जाने तक रुक-रुक हल्की बर्फबारी होती रही। वहीं, निचले मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्र नौहराधार, हरिपुरधार, गत्ताधार आदि में हल्की-हल्की बूंदाबांदी हुई। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है।

यदि आसमान की ओर देखें और मौसम का रुख देखें तो बारिश और बर्फबारी होती नजर नहीं आ रही है, जिससे किसान-बागबान काफी परेशान व आहत हो चुके हैं, क्योंकि लंबे समय से किसान-बागबान आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं, मगर जमकर बारिश कब होती है यह कोई पता नहीं है। आजकल जहां किसानों को अपनी नकदी फसलों के लिए बारिश की जरूरत है। वहीं बागबानों को फलदार पौधों के बारिश व बर्फबारी की बहुत जरूरत है। यदि समय पर जमकर बारिश नहीं होती है तो किसानों व बागबानों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। जिसको लेकर किसान-बागबान काफी चिंतित दिखाई दे रहे हैं। (एचडीएम)

मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रूठ सी गई बर्फबारी
जिला सिरमौर के मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्र नौहराधार व हरिपुरधार में बर्फबारी अब रूठ सी गई है। साल 1990 से लेकर 2020 तक इन इलाकों में बर्फबारी 50 फीसदी कम दर्ज की गई है। 2021 में जरूर जमकर बर्फबारी हुई थी। बीते तीन सीजन से आज तक में यह आंकड़ा दहाई के अंक को भी नहीं छू पाया है। विशेषज्ञ व बुजुर्गों के अनुसार हिमपात कम होने को जलवायु परिवर्तन पर्यावरणीय असंतुलन, कम होते पेड़ों से जोडक़र देख रहे हैं। बता दें कि कम होती बर्फबारी से पर्यटन कारोबार और बागबानी पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। 2021-2022 में अच्छी बर्फबारी हुई। इस समयावधि में कोविड लॉकडाउन के कारण वाहनों का न चलना अच्छी बर्फबारी का कारण माना गया।


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