बिना थकान सांस फूलना इन बीमारियों के हो सकते हैं संकेत
बिना थकान के हांफने के कारण कई हो सकते हैं, जैसे एनीमिया, हृदय संबंधी समस्याएं, फेफड़ों की समस्याएं या मानसिक तनाव। अगर यह समस्या बार-बार होती है तो यह एक चेतावनी हो सकती है कि शरीर में कुछ असामान्य हो रहा है। जो व्यक्ति 1 मिनट में सामान्य से अधिक बार सांस लेता है, तो उस स्थिति को हांफना कहते हैं। तेजी से सांस लेने को हाइपरवेन्टिलेशन भी कहा जाता है। व्यक्ति को हार्ट फेलियोर, फेफड़ों में संक्रमण, दम घुटने आदि के दौरान हांफने जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है…
कई बार हमें बिना किसी भारी मेहनत या थकान के भी हांफने की समस्या होती है। हांफना तब होता है जब हम तेज चल रहे हों या कोई शारीरिक काम कर रहे हों, लेकिन अगर बिना थकान के भी हांफने की समस्या हो रही है, तो यह किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। इसमें सांस का अचानक भारी होना या सांस लेते समय छाती में जकडऩ महसूस हो सकती है। ऐसे लक्षणों का अनुभव होना सामान्य नहीं है। बिना थकान के हांफने के कारण कई हो सकते हैं, जैसे एनीमिया, हृदय संबंधी समस्याएं, फेफड़ों की समस्याएं या मानसिक तनाव। अगर यह समस्या बार-बार होती है तो यह एक चेतावनी हो सकती है कि शरीर में कुछ असामान्य हो रहा है। जो व्यक्ति 1 मिनट में सामान्य से अधिक बार सांस लेता है, तो उस स्थिति को हांफना कहते हैं।
तेजी से सांस लेने को हाइपरवेन्टिलेशन भी कहा जाता है। व्यक्ति को हार्ट फेलियोर, फेफड़ों में संक्रमण, दम घुटने आदि के दौरान हांफने जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है। ये कोई बीमारी नहीं हैं, लेकिन ये किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है। ऐसे में कमजोरी, चक्कर आना, बेहोशी आदि जैसे लक्षण भी हांफने के दौरान नजर आते हैं। हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि हांफने के पीछे क्या कारण छिपे होते हैं। साथ ही इसके लक्षण और बचाव क्या-क्या हैं?
हांफने के कारण
सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज)-एक आम फेफड़ों की बीमारी है, जिसमें ब्रोंकाइटिस में सांस की नली में सूजन और एंफिसेमा में फेफड़ों में मौजूद छोटी हवाओं की थैली का नष्ट हो जाना शामिल है।
अस्थमा
जब कोई जल्दी सांस लेता है, तो यह अस्थमा के अटैक के लक्षण भी हो सकते हैं। बता दें कि जब सांस नली में सूजन आ जाती है, तो सांस लेने की समस्या पैदा हो जाती है।
शरीर में पानी की कमी
शरीर में पानी की कमी से सांस लेने के तरीके में भी बदलाव आता है। क्योंकि बिना पानी के शरीर की कोशिकाओं को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती। ऐसे में लोग निर्जलीकरण की समस्या के शिकार हो जाते हैं और हांफते हैं।
खून के थक्के के कारण
जब पल्मोनरी एंबोलिज्म की परेशानी शरीर में होती है, तो फेफड़ों में खून का थक्का जमने लगता है, जिसके कारण छाती में दर्द, दिल का तेजी से धडक़ना, सांस लेने में तकलीफ की शिकायत होती है।
पैनिक अटैक
बता दें कि डर और चिंता के चलते शारीरिक प्रक्रिया की समस्या पैदा हो जाती है, जिसके कारण व्यक्ति चिंता, विकार के लक्षणों का सामना करता है।
डायबिटिक की टोएसिडोसिस
यह बेहद गंभीर समस्या होती है। जब शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता, जिसके कारण शरीर में केटोंस नामक एसिड का निर्माण होता है और व्यक्ति हांफना शुरू कर देता है। हांफने के दौरान ये लक्षण नजर आते हैं। गले में जलन, फेफड़ों में जलन महसूस करना। आंखों में पानी, चक्कर आना या बेहोशी, सांस लेते वक्त आवाज निकलना दिल की गति का तेज हो जाना शरीर के तापमान में बदलाव महसूस करना।
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