सीवरेज की गंदगी से सनी फाइलें, खतरे में रिकॉर्ड

टांडा अस्पताल मेंं रिकॉर्ड स्टोर के कमरों में गंदी पाइपों की लीकेज से पिछले 10 साल से रखा रिकॉर्ड खराब होने की कगार पर पहुंचा
पंकज राणा-टीएमसी
डाक्टर राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा अस्पताल के जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र रिकॉर्ड स्टोर कमरों में गंदी पाइपों के लीकेज से पिछले 10 साल से रखा रिकॉर्ड खराब होने की कगार पर पहुंच गया है। टांडा अस्पताल के रिकॉर्ड स्टोर कमरों में सीवरेज की पाइपों के लीक होने के चलते कमरों में गंदगी ही गंदगी फैल गई है। एक तरफ सीवरेज के गंदे पानी से सालों से रखे रिकॉर्ड के खराब होने की स्तिथि बन गई है दूसरी तरफ स्टोर के कमरों में बदबू ही बदबू फैल गई है वार्ड ब्वायज को गटर पाइप की गंदी बदबू के कारण रिकॉर्ड को ढूंढने के लिए अच्छी खासी मशकत करनी पड़ रही है।
अस्पताल के रिकॉर्ड रूम की दीवारों पर भी सिवरेज के गंदे पानी से सीलन ही सीलन हो गई है जिसके चलते दीवारें बुरी तरह से उखड़़ गई है और गंदे पानी से काली हो गई हैं। विदित है की प्रदेश के दूसरे बड़े टांडा अस्पताल में छह जिलों चंबा मंडी ऊना हमीरपुर कुल्लू और 15 लाख की आबादी वाले सबसे बड़े जिले कांगडा सहित 30 लाख की आबादी यहां इलाज करवाने के साथ साथ जन्म व मृत्यु के प्रमाणपत्र लेने यहां पहुंचती है। एक तरफ टांडा अस्पताल के रिकॉर्ड रूम में कमरों की तंगी दूसरे सिवरेज के पानी से संभाल कर रखा रिकॉर्ड खराब होने शुरू हो गया है। -एचडीएम
रिकॉर्ड खराब होने से मरीजों को होगी परेशानी
जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र के रिकॉर्ड के साथ साथ अन्य रिकॉर्ड को संभालकर रखना इसलिए भी अति आवश्यक है क्योंकि हेल्थ कार्ड जैसे हिमकेयर तथा आयुष्मान कार्ड धारक जब कार्ड को बंद करवाते हैं तो उस समय मरीज के रिकॉर्ड को देखा जाता है अन्यथा हेल्थ कार्ड बंद नहीं होता है और अन्य अस्पताल में हेल्थ कार्ड पर इलाज करवाने के लिए पिछले अस्पताल से हेल्थ कार्ड जैसे हिमकेयर तथा आयुष्मान का बंद होना भी अति आवश्यक होता है। ऐसे में अगर सिवरेज गंदे पानी से रिकॉर्ड खराब हो गया तो टांडा अस्पताल सहित मरीजों की दिक्कतें बढ़ जाएंगी।
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