ध्वनिमत से पारित हुआ 58,514 करोड़ का बजट

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में रखा विनियोग विधेयक
राज्य ब्यूरो प्रमुख — शिमला
हिमाचल विधानसभा में बुधवार को अगले वित्त वर्ष का बजट ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। दोपहर बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राज्य की संचित निधि से 58,514 करोड़ जारी करने के लिए विनियोग विधेयक सदन में रखा। इससे पहले तीन दिन तक कटौती प्रस्ताव पर चर्चा हुई। सदन ने ध्वनिमत से इस बजट को पारित कर दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सत्र के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि उनका यह बजट ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समर्पित है। कैसे किसान और बागबान को मजबूत किया जा सकता है, इस बजट में राज्य की संपदा का एक भाग उनको दिया गया है। छोटे दुकानदारों और ढाबे वालों को लोन से राहत देने का प्रावधान किया गया है। इस बजट में विधवा बहनों के बच्चों की पढ़ाई अब सरकार करवाएगी। उनका यह बजट आम आदमी को समर्पित है और राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से अर्थव्यवस्था में अब सुधार भी आ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए वित्त वर्ष में 70 साल से ऊपर के पेंशनरों के एरियर का एकमुश्त भुगतान सरकार करेगी, जबकि बाकी एरियर को भी चरणबद्ध तरीके से दिया जाएगा। युवाओं को सोलर प्रोजेक्ट लगाने के लिए सबसिडी दी जाएगी, जबकि इलेक्ट्रिक टैक्सी के लिए भी अब सबसिडी सरकार देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1000 बस रूट युवाओं को दिए जाएंगे, जिसमें डीजल की बसों को खरीदने का प्रावधान भी होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बिजली परियोजनाओं में राज्य के अधिकार लेने के लिए लड़ाई लड़ेगी। वह केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से भी इस बारे में मुलाकात करेंगे। हिमाचल की नदियों में बहता पानी सोना है और इस संसाधन को अनिश्चितकाल के लिए नहीं दिया जा सकता। हिमाचल के पानी पर बिजली कंपनियां 67000 करोड़ की बन गईं, जबकि राज्य का बजट अब भी 58000 करोड़ है। इस बजट में भी 6000 करोड़ का गैप है। इसलिए राज्य सरकार को अपने संसाधन बढ़ाने पर जोर देना होगा। विधानसभा का बजट सत्र 28 मार्च तक है और अब बजट पारित होने के बाद सिर्फ दो दिन बचे हैं।
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