Himachal: संगठित अपराध रोकने को आया बिल

मुख्यमंत्री सुक्खू ने विधानसभा में रखा नया विधेयक; ड्रग्स, माइनिंग, वन कटान, साइबर क्राइम पर निशाना
राजेश मंढोत्रा — शिमला
हिमाचल सरकार ने संगठित अपराध को रोकने के लिए विधानसभा में एक नया बिल रखा है। बुधवार को मुख्यमंत्री सुक्खू की ओर से यह विधेयक रखा गया। हालांकि इसमें प्रीवेंटिव डिटेंशन का प्रावधान नहीं है, जैसा कि पहले कहा जा रहा था। मुख्यमंत्री की ओर से लाए गए इस विधेयक को हिमाचल प्रदेश ऑर्गेनाइज्ड क्राइम प्रीवेंशन एंड कंट्रोल बिल-2025 का नाम दिया गया है। यह ड्रग्स नेटवर्क को तोडऩे, अवैध खनन रोकने, वन कटान और साइबर अपराधों के नेटवर्क के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसमें अपराधी पाए जाने वाले व्यक्ति को फांसी से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकेगी। संगठित अपराध से जुटाई गई संपत्ति को जब्त किया जा सकेगा। प्रॉपर्टी को अटैच करने के लिए एसपी या कमिश्नर आफ पुलिस कोर्ट को आवेदन देंगे। प्रॉपर्टी को जब्त करने की प्रक्रिया डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट पूरी करवाएंगे।
इसकी नीलामी भी की जा सकेगी। इस बिल में अपराध की कंपाउंडिंग का भी प्रावधान है। यदि अपराधी ने तीन साल जेल की सजा वाला अपराध किया है, तो राज्य सरकार में सचिव स्तर का अधिकारी 70 फीसदी कंपाउंडिंग फीस लेकर फैसला दे सकेगा। इस कानून के तहत जांच करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई किसी केस प्रॉसीक्यूशन या लीगल प्रोसीडिंग्स के जरिए नहीं होगी। इस विधेयक के कारणों को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि इस कानून में संगठित अपराध की परिभाषा को विस्तृत किया गया है और सजा भी बढ़ाई गई है। फायनांशियल नेटवर्क को टारगेट किया जा रहा है और कई प्रीवेंटिव कदम भी इसमें उठाए जा रहे हैं।
स्टांप ड्यूटी छह फीसदी से बढक़र 12 फीसदी होगी
हिमाचल में स्टांप ड्यूटी छह फीसदी से बढक़र 12 फीसदी करने के लिए भी एक विधेयक विधानसभा में रखा गया है। यह राजस्व मंत्री की ओर से रखा गया है। राज्य सरकार ने यह प्रावधान धारा 118 के तहत होने वाले भू-सौदों के लिए किया था। इसे गवर्नर की अनुमति से ऑर्डिनेंस के जरिए लागू कर दिया गया है, लेकिन अब सदन की अनुमति के लिए विधेयक के रूप में रखा गया है।
ड्रग्स एडिक्ट जेल नहीं अस्पताल जाएंगे
शिमला। हिमाचल सरकार ने विधानसभा में बुधवार को ड्रग्स, डिएडिक्शन और रिहैबिलिटेशन को लेकर प्रभावी काम करने के लिए एक नया बिल विधानसभा में रखा है। इस बिल में एनडीपीएस एक्ट के अलावा कुछ नए प्रावधान जोड़े गए हैं। राज्य सरकार ने पहली बार ड्रग एडिक्ट और ड्रग सिंडिकेट में फर्क किया है। नए विधेयक में प्रावधान है कि ड्रग एडिक्ट यदि पकड़ा जाता है, तो उसे जेल भेजने के बजाय अस्पताल या सरकार से मान्यता प्राप्त सेंटर में भेजा जाएगा और इलाज करवाया जाएगा।
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App or iOS App