बजट कम, पर विकास में कमी नहीं आने देंगे, लोक निर्माण पर लाए कटौती प्रस्ताव पर बोले PWD मंत्री

By: Mar 26th, 2025 10:48 pm

लोक निर्माण पर लाए कटौती प्रस्ताव पर बोले पीडब्लयूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह

चीफ रिपोर्टर — शिमला

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विषम आर्थिक परिस्थितियों की बात स्वीकार करते हुए विपक्ष से सहयोग मांगा है। उन्होंने कहा कि उनके महकमे का बजट बेशक कम हुआ है, मगर इसके बाद भी वह सडक़ों के विकास में कमी नहीं आने देंगे। केंद्र सरकार से अपना हक लेकर यहां सडक़ों का विकास होगा। उन्होंने कहा कि कैपिटल एक्सपेंडिचर को बढ़ाकर विकास के सभी काम किए जाएंगे, लेकिन इससे पहले विपक्ष को सकारात्मक सहयोग देना होगा। सदन में लोक निर्माण, भवन एवं पुलों को लेकर लाए गए कटौती प्रस्ताव के जवाब में विक्रमादित्य सिंह बोल रहे थे जिस पर उन्होंने विपक्ष से कटौती प्रस्ताव वापस लेने की गुजारिश भी की, मगर विपक्ष ने यह प्रस्ताव वापस नहीं लिया और सत्तापक्ष के समर्थन से यह कटौती प्रस्ताव सदन में गिर गया। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने भी कहा कि यह प्रस्ताव औंधे मुंह गिरा है।

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के तहत 820 करोड़ खर्च किए गए, जबकि नाबार्ड के तहत 532 करोड़ और सीआईआरएफ के तहत 144 करोड़ खर्च किए गए हैं। आगामी बजट में 12 पुलों का निर्माण करवाया जाएगा, तो वहीं चार गांवों को सडक़ों से जोडऩे का प्रावधान किया गया है। इसी तरह से 252 सडक़ों की मैटलिंग करने का प्रावधान है, तो 145 किलोमीटर सडक़ें बनेंगी। क्रॅास डे्रेनेज 235 किलोमीटर सडक़ों पर बनेगी, जबकि 728 किलोमीटर सडक़ों को अपग्रेड किया जाएगा। उ250 से ज्यादा की आबादी वाली 22 बस्तियों को सडक़ों से जोडऩे का काम किया जाएगा।

विधानसभा में बोल रहे थे विधायक और मंत्री गायब

लोक निर्माण मंत्री दोपहर बाद लोक निर्माण पर हुई चर्चा के समय में सदन मेें मौजूद नहीं थे। विधायक अनिल शर्मा ने इस पर ऐतराज जताया। वहीं, विपक्ष के विधायकों ने सदन में उनके मौजूद न होने पर कहा कि सरकार कितनी गंभीर है, इसका पता चलता है। विपक्ष का कहना था कि कट मोशन पर चर्चा चल रही है, गंभीर मामले उठाए जा रहे हैं और मंत्री सदन में मौजूद नहीं हैं। हालांकि कुछ समय बाद मंत्री सदन में पहुंच गए थे।हस्तक्षेप करते हुए विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने आश्वासन दिया कि जो भी मुद्दे उठाए जा रहे हैं मंत्री उनका जवाब जरूर देंगे। अगर जवाब नहीं आया तो वह संज्ञान लेंगे।

मंडी की कोई सडक़ नाबार्ड को नहीं भेजी गई

मंडी के विधायक अनिल शर्मा ने कहा कि वहां की एक भी सडक़ नाबार्ड से फंडिंग के लिए नहीं भेजी गई है। टूरिज्म में भी 1072 करोड़ रुपए की कमी इस बार बजट में है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड में केवल 458 करोड़ रुपए का प्रावधान चिंता का विषय है। मंडी में 9 विधानसभा क्षेत्रों में जहां पर भाजपा विधायक हैं, वहां की एक भी सडक़ नाबार्ड योजना में नहीं भेजी गई है।

पैसा रिलीज न होने के कारण डिप्रेशन में हैं ठेकेदार

विधायक सुरेंद्र शौरी ने चर्चा में बोलते हुए कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सडक़ें ठीक नहीं हो पाई हैं। उन्होंने कहा कि इन सडक़ों पर बसें नहीं चल पा रही हैं, जिससे लोग परेशान हैं। इसके अलावा आठ साल से एक पुल का निर्माण न होने का मुद्दा भी उन्होंने उठाया और कहा कि ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों का पैसा रिलीज न होने से ठेकेदार डिप्रेशन में जा रहे हैं।

लोक निर्माण विभाग के बजट में कटौती चिंताजनक

भाजपा विधायक बलवीर वर्मा ने कहा कि बजट के 100 पन्नों में एक पूरा पेज भी लोक निर्माण विभाग को नहीं दिया गया है। पहली बार ऐसा हुआ है कि लोक निर्माण विभाग के बजट में 700 करोड़ रुपए का कट लगा है। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में सैंज से थिरल पुल तक सडक़ निर्माण को सीआरएफ में डलवाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने नेरवा के लिए बाइपास का मुद्दा भी उठाया।

खस्ताहाल सडक़ों को जल्द दुरुस्त करवाया जाए

विधायक रणवीर सिंह निक्का ने बजट कटौती प्रस्थान पर बोलते हुए कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में कई सडक़ें ऐसी हंै, जिनकी डीपीआर बनकर तैयार नहीं हुई है। इसके अलावा उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में खस्ताहाल सडक़ों को ठीक करने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि ऐसी खस्ताहाल सडक़ों की वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए इन्हें दुरुस्त करना जरूरी है।


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