बिजली बोर्ड के पेंशनरों ने मांगी CBI जांच

पहले से लग रहे अधिकारियों पर आरोप, सामने आई सच्चाई : खरवाड़ा
नादौन के कर्मचारी नेता को बहाल करने की मांग
चीफ रिपोर्टर- शिमला
बिजली बोर्ड पेंशनर फोरम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने स्व.विमल नेगी की मृत्यू के मामले में कहा है कि राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के कर्मचारियों, अभियंताओं व पेंशनर्स ने गत वर्ष जनवरी माह में लगातार 11 दिन तक जिन अधिकारियों की कार्यशैली के खिलाफ बड़ा आन्दोलन किया था, उन अधिकारियों की कार्यशैली कितनी दमनात्मक व तानाशाही पूर्ण है, इस बात की पुष्टि विमल नेगी के साथ जो कुछ हुआ उससे हो जाती है। उनकी धर्मपत्नी का जो ब्यान है, उससे पता चल रहा है कि इन अधिकारियों का व्यवहार कैसा है। खरवाड़ा ने अपने बयान में कहा कि गत वर्ष संघर्ष के बाद 18 जनवरी को प्रदेश सरकार के साथ ज्वाइंट फ्रंट के प्रतिनिधियों से हुई बैठक भी बेनतीजा रही क्योंकि इन अधिकारियों द्वारा सरकार के समक्ष विद्युत कर्मचारियों व विद्युत बोर्ड लिमिटेड का पक्ष नकारात्मक रूप से पेश किया गया। इनकी वजह से ही न बिजली कर्मचारियों को ओपीएस मिला, न कोई दूसरा मामला हल हुआ। खरवाड़ा ने कहा कि जब यह अधिकारी विद्युत बोर्ड लिमिटेड में रहे तो इनका ध्यान विद्युत बोर्ड लिमिटेड को कमजोर करना और उसकी सम्पतियों का हस्तातंरण करने में ही लगा रहा।
कर्मचारियों का पक्ष सुनना और उनकी समस्याओं का निदान करना इनकी आदत में ही शुमार नहीं है। उन्होंने कहा कि विद्युत बोर्ड के हालात लगातार बदतर हो रहे हैं और इसके लिए वित्तिय कुप्रबंधन और हो रही वित्तिय अनियमितताएं जिम्मेवार हैं जिसकी जांच करना अति आवश्यक है। विद्युत बोर्ड में पिछले दो साल से सेवानिवृत हो रहे कर्मचारियों को उनके लीव एनकैशमेंट, ग्रेच्यूटी जैसे वित्तिय लाभों की अदायगी न हो पाने के लिए बोर्ड प्रबन्धन जिम्मेवार है और पूरे प्रदेश में समस्त पेंशनर्स में भारी आक्रोश व्यक्त है। खरवाड़ा ने कहा कि आज विद्युत बोर्ड में 28 फरवरी तक जहां विद्युत उपभोक्ताओं के पास राजस्व उगाही के लिए 527 करोड़ रूपए फंसे हैं जिनमें 262 करोड़ 31 लाख रूपए सरकारी दफ्तरों के हैं और फ्री में दी जा रही बिजली की सब्सिडी छह महीने तक रोलबैक न हो पाने से बोर्ड की हालत बदतर होती जा रही है। यहां तक की आज बोर्ड का लगभग एक लाख मीटर डैड स्टॉप है जिसमें 3339 थ्री फेस का मीटर है और लगभग 34000 नये कनैक्शन की फाईल पेंडिंग चल रही है। प्रबन्धक वर्ग खराब मीटर को बदलने के लिए और नया मीटर लगाने के लिए 500 रूपये का मीटर नहीं खरीद पा रहा है और 10 हजार का स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी में जुटे हैं।
उन्होंने कहा कि बोर्ड प्रबन्धन की वजह से हर महीने करोड़ों रूपये का आर्थिक नुकसान बोर्ड को हो रहा है जिसका खमियाजा पेंशनर्स व कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। खरवाड़ा ने प्रदेश के मुख्यमन्त्री से हस्तक्षेप करने और कर्मचारियों, अभियन्ताओं एवं पेंशनर्स की संघर्ष समिति की बैठक बुला कर उनका पक्ष सुनकर आवश्यक कार्यवाही करने का आग्रह किया है। साथ ही यूनियन के नादौन इकाई के अध्यक्ष नितिश भारद्वाज के निलंबन को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने प्रताडऩा का शिकार होकर मजबूरी में आत्महत्या जैसा कदम उठाने वाले चीफ इंजीनियर विमल नेगी के मामले में सीबीआई की जांच करवाने व दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है और शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि विद्युत बोर्ड पेंशनर्स फोरम इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ा है।
—शकील कुरैशी
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