जगलों में फलदार पौधे जरूरी

किन्नौर, कोटगढ़ -आंनी वन मंडल के कर्मचारियों को दिए टिप्स
दिव्य हिमाचल ब्यूरो-रामपुर बुशहर
हिमालयन वन अनुसंधान संस्थानए शिमला द्वारा हिमाचल प्रदेश की महतवपूर्ण खाद्य फलदार प्रजातियों की नर्सरी एवं वृक्षारोपण तकनीका विषय पर रामपुर, किन्नौर, कोटगढ़ एवं आंनी के वन मंडल के अधिकारियों एवं अग्रिम श्रेणी कर्मचारियों के लिए रविवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन वन विश्राम गृह, नोगली रामपुर में किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रायोजन प्रतिपूरक वन रोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण कैंपा द्वारा किया गया। इस दौरान डा. संदीप शर्मा, निदेशक हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान, शिमला ने उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि गुरहर्ष सिंह, वन मंडल अधिकारी, रामपुर और प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा की कि हिमाचल प्रदेश में जंगली खाय वृक्ष और औषधीय पौधों की प्रजातियां बहुतायत मात्रा में पाई जाती है। विभिन्न पौधों की प्रजातियों की पहचान और आधुनिक नर्सरी और पौध रोपण तकनीकों को अपनाना, आदि मुख्य क्षेत्र हैं जहां वन विभाग के अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के लिए क्षमता निर्माण की अत्यंत आवश्यकता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से प्रतिभागी निश्चित रूप से लाभान्वित होंगे। कार्यक्रम मुख्यातिथि गुरहर्ष सिंह, ने हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान को इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल विषयों की विस्तृत श्रृंखला पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने वन विभाग के अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों से संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ स्वतंत्र रूप से बातचीत करने और अपने अनुभव सांझा करने का आग्रह किया। उन्होंने वन विभाग कर्मचारियों से जंगली खाय फलदार प्रजातियों के वृक्षारोपण करने एवं वन क्षेत्र में वृद्धि करने एवं वन क्षेत्र के सटीक अंकन करने का आग्रह किया। उन्होने मानव.वन्य जीव के बीच बढ़ते हुए टकराव को रोकने के लिए जंगलों में जंगली खाद्य पौधो के अधिक से अधिक क्षेत्र विकसित करने पर बल दिया।
इस दौरान डा. संदीप शर्मा, निदेशक, हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान, शिमला ने आधुनिक नर्सरी तकनीक, गुणवता रोपण स्टॉक का उत्पादन, एवं जैव खाद एवं केंचुआ खाद तैयार करने विषय पर व्याख्यान दिया। इस मोके पर डा. वनीत जिशटू, वैज्ञानिक, हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान, शिमला ने पौधों के वर्गीकरण विषय पर एवं श्री कुलदेश कुमार, वरिष्ठ तकनीक अधिकारी ने हिमाचल प्रदेश की जंगली खाय फलदार प्रजातियां जंगली जामुन एवं काफलरू जीपीएस एवं केण् एम्ण एलण फाइल्स केएमएल फाइल्स विषय पर अपनी प्रस्तुति दी। इस दौरान प्रतिभागियों ने संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ विभिन्न विषयों पर खुलकर विचार भी सांझा किए। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंत में डा. संदीप शर्मा, कार्यक्रम समन्वयक ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रसतुत करते हुए सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सचिन कुमार, सहायक निदेशक, हिमालयन आर्गेनाइजेशन फॉर आर्गेनिक एथी प्रोडक्ट्स एवं डेवलपमेंट खनेरी, रामपुर सहित किसानों एवं रामपुर किन्नौर कोटगढ़ एवं आंनी के वन मंडल के वन रक्षकों, डिप्टी रेंजर सहित सहित लगभग 36 प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप भाग लिया।
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