IPL 2025: आईपीएल में वापस आई स्विंग, BCCI ने गेंद पर लार लगाने से बैन हटाया

मोहम्मद शमी की फरियाद पूरी, बीसीसीआई ने गेंद पर लार लगाने से बैन हटाया
स्लो ओवर रेट पर बैन नहीं होंगे कप्तान
बीसीसीआई की मीटिंग में बताया गया कि धीमी ओवर गति के लिए कप्तानों को बैन नहीं किया जाएगा। आईसीसी की तरह डिमेरिट प्वाइंट सिस्टम लागू किया जाएगा। डिमेरिट प्वाइंट तीन साल तक रहेंगे। एक अंदरूनी सूत्र के अनुसार, कप्तान को डिमेरिट प्वाइंट मिलेंगे, लेकिन धीमी ओवर गति के लिए मैच से बाहर नहीं किया जाएगा। लेवल-1 के अपराध के लिए मैच फीस का 25 से 75 प्रतिशत जुर्माना लगेगा।
साथ ही डिमेरिट प्वाइंट भी मिलेंगे। लेवल-2 का अपराध गंभीर माना गया, तो चार डिमेरिट प्वाइंट मिलेंगे। हर चार डिमेरिट प्वाइंट पर मैच रेफरी जुर्माना लगा सकता है या अतिरिक्त डिमेरिट प्वाइंट दे सकता है।
आईसीसी अब भी पक्ष में नहीं
बीसीसीआई ने भले ही आईपीएल के लिए दो नए नियम बना लिए, लेकिन ये नियम आईसीसी ने इंटरनेशनल मैचों के लिए अब भी नहीं माने हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने कोरोना वायरस के दौरान गेंद पर लार लगाने को बैन किया था। 2022 में आईसीसी ने नियम को परमानेंट कर दिया। तब आईपीएल ने भी इन नियमों को माना था। इंटरनेशनल क्रिकेट में वाइड और नो-बॉल के लिए रिव्यू लेने का नियम भी नहीं है।
नो बॉल और वाइड के लिए ले सकेंगे डीआरएस
बैठक में यह भी फैसला हुआ कि कमर से ऊपर की नो-बॉल और ऑफ या लेग स्टंप के बाहर वाइड के लिए डीआरएस लिया जा सकेगा। यानी फील्ड अंपायर ने अगर वाइड या नो-बॉल से जुड़ा फैसला दिया और टीम को लगता है कि यह गलत है, तो टीमें उसे चैलेंज कर सकती हैं। ये नियम सिर्फ आईपीएल में ही लागू है। आईसीसी ने यह नियम लागू नहीं किया है।
ओस का असर खत्म करने को 11वें ओवर में बदलेगी गेंद
इस बार आईपीएल में दो गेंद का इस्तेमाल होगा। मैच की दूसरी पारी में एक और गेंद का इस्तेमाल होगा। दूसरी पारी में गेंद बदलने का नियम 11वें ओवर के बाद लागू होगा। इसका मकसद ओस के असर को कम करना है। अक्सर देखा जाता है कि ओस की वजह से बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम को फायदा होता है। नया नियम यह सुनिश्चित करेगा कि टॉस जीतने वाली टीम को ओस का अनुचित लाभ न मिले। इससे मैच में बराबरी बनी रहेगी। क्रिकबज की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। गेंद बदलने का फैसला अंपायरों पर छोड़ा गया है। वे देखेंगे कि ओस है या नहीं। अगर ओस होगी, तो वे गेंद बदल सकते हैं। इसलिए यह नियम ज्यादातर रात के मैचों में ही लागू होगा। दिन के मैचों में शायद ही गेंद बदलने की जरूरत पड़े। सूत्र ने बताया, यह अंपायरों पर निर्भर करता है कि गेंद को बदलने की जरूरत है या नहीं। वे ओस की मौजूदगी के आधार पर फैसला करेंगे।
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