सब-स्टैंडर्ड बीज पर बढ़ी सजा, हरियाणा में नकली-मिलावटी प्रोडक्ट बेचने पर जुर्माना भी बढ़ाया

हरियाणा में नकली-मिलावटी प्रोडक्ट बेचने पर जुर्माना भी बढ़ाया, नियम तोडऩे पर होगी कड़ी कार्रवाई
दिव्य हिमाचल ब्यूरो- चंडीगढ़
हरियाणा में नकलीए मिलावटी तथा गुणवत्ताहीन बीज बेचने वालों के खिलाफ प्रदेश सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है, ऐसे लोगों एवं कंपनियों के खिलाफ़ कड़ा कानून बना रही है। आज विधानसभा में हरियाणा सरकार ने पुराने बीज अधिनियम में संशोधन करके पहले से ज्यादा सज़ा और जुर्माने का प्रावधान करते हुए बिल पास किया है। इसके बाद राज्यपाल की स्वीकृति और अधिसूचना के बाद यह कानून का रूप ले लेगा। हालांकि गुणवत्ता को नियंत्रित करने के लिए कानून तो पहले भी बना हुआ है लेकिन उसमें सजा और जुर्माने की राशि कम होने के कारण नकलीए मिलावटी तथा गुणवत्ताहीन बीज बेचने वालों में डर कम था। सरकार ने नए संशोधित कानून के तहत नकली बीज बनाने वाली कंपनी और ऐसे बीज विक्रेता दोनों के खिलाफ कड़े प्रावधान किये हैं। बीज अधिनियम वर्ष 1966 में लागू किया गया एवं वर्ष 1972 में संशोधित किया गया।
भारत सरकार द्वारा बीज अधिनियम, 1966 का उद्देश्य खाद्य फसलों, तिलहनों, फल-सब्जियों, कपास, पशुओं के चारे एवं जूट आदि के बीजों की गुणवत्ता को नियंत्रित करना था, ताकि किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध हो सकें। पहले से चले आ रहे मौजूदा अधिनियम के तहत वर्तमान दंड प्रावधान पर्याप्त कठोर नहीं होने के कारण नकली, मिलावटी तथा गुणवत्ताहीन बीजों की बिक्री एवं वितरण पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। इस स्थिति के कारण किसान मज़बूरीवश घटिया बीज खरीद रहे हैं। इससे उत्पादन क्षमता प्रभावित हो रही है और फसलों की लागत बढऩे के साथ-साथ राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी क्षति पहुंच रही है। इसलिए हरियाणा सरकार ने घटिया बीज के विक्रय को रोकने के लिए पुराने अधिनियम में संशोधन का कदम उठाया है। इस प्रयोजन के लिए कीटनाशक अधिनियमए 1966 हरियाणा राज्यार्थ की धारा 7 के उल्लंघन के लिए धारा 19 के बाद धारा 19.क रखी गई है।
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